कश्मीर में गंभीरता से कट्टरपंथ को दूर किया जा रहा है : बिपिन रावत
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि कश्मीर में कट्टरपंथ की समस्या का समाधान काफी गंभीरता से किया जा रहा है. साथ ही, इसके बढ़ने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया.
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (फाइल फोटो) |
एक दिन के दौरे पर जम्मू आए रावत ने राज्य में चोटी कटने की कथित घटनाओं के मुद्दे को 'सामान्य विषय' करार दिया और कहा कि इससे नागरिक प्रशासन और पुलिस को निपटना है.
रावत ने यहां संवाददाताओं से कहा, कट्टरपंथ हो रहा है. ऐसा पूरी दुनिया में हो रहा है. हम काफी गंभीरता से इससे निपट रहे हैं.
उन्होंने एक कार्यक्रम के इतर बात कर रहे थे. कार्यक्रम में उन्होंने 47 आर्रमड रेजिमेंट को प्रेसिडेंट्स स्टैंर्डड से नवाजा. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार, पुलिस, प्रशासन और हर कोई कट्टरपंथ को लेकर चिंतित है.
रावत ने कहा, हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि लोग इस तरह के कट्टरपंथ से दूर रहें. सेना प्रमुख ने लोगों के कट्टरपंथी बनने के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ऐसा (कट्टरपंथ) मुख्यत: सोशल मीडिया की वजह से हो रहा है.
यह पूछने पर कि क्या घाटी में अलगाववादियों और पत्थरबाजों पर लगाम कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) छापेमारी कर रही है, उन्होंने कहा, जब सरकार के रूख को अपनाया जाता है तो सरकार के हर पहलू एवं हर मशीनरी को भूमिका निभानी होता है और एनआईए की छापेमारी से जो सफलता हासिल हुई है, वह निकट भविष्य में पता चलेगी.
चोटी कटने की कथित घटनाओं के कारण सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष आ रही चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा, आप इसे चुनौती के रूप में क्यों देख रहे हैं.
सेना प्रमुख ने कहा कि ऐसा देश के अन्य इलाकों में भी हो रहा है और अब ऐसा कश्मीर में भी होने लगा है.
यह पूछने पर कि क्या अलगाववादी घाटी में अशांति फैलाने में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि इसकी सच्चाई को सामने लाने में मीडिया को भूमिका निभानी है.
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