केदारनाथ के भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण की रूपरेखा का मोदी ने किया अनावरण

Last Updated 20 Oct 2017 12:37:43 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार केदारनाथ मंदिर के भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण की रूपरेखा का अनावरण करते हुए राज्य सरकारों के साथ-साथ उद्योग और व्यापार जगत से भी इसमें आगे आकर योगदान का आह्वान किया.


PM मोदी ने की केदारनाथ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश इस काम के लिये धन की कमी को आड़े नहीं आने देगा.
    
उत्तराखंड में रूद्रप्रयाग जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित केदारनाथ धाम पहुंचकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के बाद जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, केदानाथ भव्य, दिव्य और प्रेरणा का स्थान बनेगा 
    
मोदी ने कहा कि इस काम के लिये देश धन की कमी नहीं रखेगा. उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि इसमें खर्च होगा. जैसा पुनर्निर्माण होना है, वैसे पुनर्निर्माण के लिये देश धन की कमी नहीं रखेगा. मैं देश की (विभिन्न राज्य) सरकारों को भी इसमें सहभागी होने के लिये निमंत्रित करूंगा. कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत मैं उद्योग और व्यापार जगत के लोगों को भी इसमें हाथ बंटाने के लिये निमंतण्रदूंगा. 
    
इस संबंध में उन्होंने जेएसडब्लू (कंपनी) का आभार जताया और कहा कि उन्होंने प्रारंभिक काम के लिये जिम्मेदारी उठाना स्वीकार कर लिया है.
    
उन्होंने यह भी कहा कि जब इतना सारा धन लगेगा, इतना सारा आधारभूत ढांचा तैयार होगा तो इसमें पर्यावरण के नियमों का भी पूरापूरा ध्यान रखा जायेगा.

केदारनाथ के पुनर्निर्माण कायरे का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज यहां मुख्य तौर पर पांच योजनाओं का आरंभ हो रहा है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ मंदिर की ओर आने वाले पूरे मार्ग का चौड़ीकरण किया जायेगा जो पूरा आरसीसी से बनेगा और उस पर सभी आधुनिक सुविधायें मिलेंगी.
    
उन्होंने कहा, तीर्थयात्री चाहे जिस पहर में केदारनाथ पहुंचे, उसे उसी पहर का संगीत वहां सुनाई देगा, जिसे सुनता हुआ वह संगीतमय और भक्ति भाव से मंदाकिनी के तट पर चलता हुआ, मंदिर पहुंचेगा. 

मोदी ने कहा कि केदारनाथ में मंदाकिनी और सरस्वती नदी के घाट विकसित कर वहां बैठने की जगह बनायी जाएगी और इन दोनों नदियों पर रिटेनिंग वाल बनायी जायेगी.

आदिगुरू शंकराचार्य की क्षतिग्रस्त समाधि का जिक्र  करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समाधि स्थल के डिजाइन पर काम चल रहा है और समाधि इस प्रकार बनायी जायेगी कि वह मंदिर से अलग प्रतीत ना हो और वहां जाकर एक महान संत की तपस्या की अनुभूति हो.

उन्होंने कहा, केदारनाथ के भव्य पुनर्निर्माण के लिए यहां तीर्थ पुरोहितों, पंडितों आदि की सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए खाका तैयार हुआ है. मैं लगातार बैठकें लेता रहा हूं. मंदिरों के वास्तुशिल्प के नियमों का पालन करते हुए इसके विकास का खाका तैयार किया गया है. 
    
मोदी ने कहा, अब पुरोहितों को जो मकान मिलेंगे वह थी इन वन होंगे.   उन्होंने कहा कि नीचे तीर्थयात्रियों के रहने का प्रबंध होगा, बीच की मंजिल पर वह (पुरोहित) खुद रहेंगे और ऊपर की मंजिल पर उनके मेहमानों और यजमानों के रहने का इंतजाम होगा.
    
उन्होंने कहा, 24 घंटे बिजली, पानी और स्वच्छता का प्रबंध होगा. चौड़ी सड़कें होंगी. टेलीफोन, बैंक, पोस्ट ऑफिस, कंप्यूटर आदि की व्यवस्था होगी. 
    
मोदी ने शुक्रवार तीर्थ पुरोहित समाज के आवासीय भवन निर्माण, शंकराचार्य समाधि स्थल और संग्रहालय, पैदल मार्ग चौड़ीकरण, मंदाकिनी नदी घाटी का पुनर्निर्माण और सुरक्षा दीवार, सरस्वती नदी घाट और सुरक्षा दीवार निर्माण का शिलान्यास किया.
    
वर्ष 2013 में आयी पल्रयंकारी प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने याद दिलाया कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप के रूप में वह यहां आये थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री से मिलकर उन्होंने केदारनाथ के पुनर्निर्माण की इच्छा व्यक्त की थी.
    
उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री इस कार्य को गुजरात सरकार को सौंपने पर सहमत हो गये थे लेकिन दिल्ली के लोगों को यह मंजूर नहीं हुआ और राज्य सरकार ने कह दिया कि उसे गुजरात की मदद की जरूरत नहीं है.


    
हालांकि, मोदी ने कहा, बाबा ने यह तय किया था कि यह काम बाबा के बेटे के हाथ से ही होगा. यहां चुनाव हुए और पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बन गयी. अब केदारनाथ के भव्य पुनर्निर्माण का कार्य हो रहा है. 
    
उत्तराखंड में गुजारे अपने पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि गरूड़चट्टी में उन्हें अपने जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष बिताने का अवसर मिला और उसी समय वह यहां की मिट्टी में रम गये थे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा,   बाबा (केदारनाथ) की यह इच्छा नहीं थी और उन्होंने मुझे वापस भेज दिया. 
    
प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबा ने उनके लिये यह तय किया कि उन्हें एक बाबा की नहीं बल्कि देश के सवा सौ करोड़ बाबाओं की सेवा करनी है क्योंकि जनसेवा ही प्रभुसेवा है. उन्होंने कहा कि बाबा केदारनाथ के दर पर वह संकल्प लेते हैं कि वर्ष 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर वह भारत को दुनिया में सिरमौर बनाएंगे और हर हिंदुस्तानी इसमें अपना योगदान देगा.
    
उन्होंने कहा कि केदारनाथ के कपाट खुलने के मौके पर वह यहां आये थे. वह देश को वर्ष 2013 के हादसे की छाया से बाहर निकलने का संदेश देना चाहते थे. उन्होंने कहा कि त्रासदी के बाद यहां आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या कम हो गयी थी लेकिन इस साल 4.5 लाख तीर्थयात्री आये और उन्हें अगले साल यह संख्या 10 लाख पार कर जाने की उम्मीद है.
    
उत्तराखंड को प्राकृतिक संपदा से भरपूर बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां पर्यटन, तीर्थाटन, साहसिक पर्यटन, जड़ी बूटी, पानी जैसे संसाधन हैं और इसे देश का नम्बर एक डेस्टिनेशन बनाना है.
    
आर्गेनिक फार्मिग के क्षेत्र में सिक्किम का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने यहां के अधिकारियों से कहा कि वे  इस क्षेत्र में आगे बढें और 2022 तक राज्य को आर्गेनिक स्टेट बनाएं .
    
उत्तराखंड के संबंध में प्रचलित कहावत पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी पहाड़ के काम नहीं आता है का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने यह कहावत बदलने का बीड़ा उठाया है और राज्य की भाजपा सरकार ने भी इस संबंध में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं.
    
उन्होंने कहा कि दीवाली के अगले दिन एक नया बहीखाता शुरू होता है और आज उत्तराखंड में विकास का एक नया बहीखाता शुरू हो रहा है.
    
प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला, खुले में शौच से मुक्ति तथा प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना का जिक्र करते हुए सभी राज्य सरकारों से इसमें आगे निकलने का आह्वान किया और कहा कि इन्हें लागू करने को लेकर राज्यों के बीच तंदुरूस्त स्पर्धा होनी चाहिये. उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि इसे लेकर राज्यों के बीच तंदुरूस्त स्पर्धा हो. 
    
इससे पहले, मोदी ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना और रूद्राभिषेक किया तथा वहां मौजूद तीर्थपुरोहितों से बातचीत भी की. प्रधानमंत्री के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और राज्यपाल कृष्णकांत पाल भी मौजूद रहे.
    
मोदी को देखने के लिए मंदिर परिसर के बाहर सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे जिनका मोदी ने हाथ हिलाकर अभिवादन किया.
    
इससे पूर्व अपने तय कार्यक्रम के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी सुबह आठ बजकर पचपन मिनट पर जौलीग्रांट हवाई अड्डा पहुंचे जहां राज्यपाल डॉ पाल और मुख्यमंत्री रावत सहित गणमान्य व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया.

सहारा न्यूज ब्यूरो/भाषा


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