लोकसभा उपचुनाव वाली सात सीटों पर अब कांग्रेस की नजर
पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में जीत से उत्साहित कांग्रेस की नजर अब लोकसभा की सात उन सीटों पर है जहां शीघ्र उपचुनाव होने हैं.
उपचुनाव वाली सात सीटों पर अब कांग्रेस की नजर |
इनमें से पांच सीटों पर पिछले चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार विजयी रहे थे. जहां कांग्रेस इनमें से ज्यादा से ज्यादा सीटें अपने कब्जे में करने की कोशिश में है वहीं भाजपा के लिए इन सीटों को बचाए रखना एक बड़ी चुनौती है.
कांग्रेस की रणनीति है कि इन सीटों के होने वाले उपचुनाव में पटरी से उतरती जा रही अर्थव्यवस्था, नोटबंदी और जीएसटी से होने वाले नुकसान और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर भाजपा के विजय रथ को लगाम दी जाए. पार्टी यह मान कर चल रही है कि पिछले कुछ महीनों में देश मे राजनीतिक हालातों में तेजी से बदलाव हुआ है और जनता मोदी सरकार की नीतियों को लेकर खुश नही हैं, ऐसे में जनता के आक्रोश को भुनाकर देश की राजनीति को नई दिशा दी जा सकती है. गुरदासपुर की जीत ने कांग्रेस की रणनीति को पर लगा दिए हैं. पार्टी इन उपचुनावों को पूरी गंभीरता से ले रही है और जिताऊ उम्मीदवारों के नामों पर मंथन हो रहा है.
लोस की जिन सात सीटों पर आने वाले दिनों में उपचुनाव होने हैं उनमें पांच सीटें मौजूदा सदस्यों के निधन के कारण रिक्त हुई हैं और दो सीटें भाजपा के सांसदों के इस्तीफे से. वर्ष 2019 के लोस चुनाव से पहले इन सीटों पर हो रहे उपचुनाव सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के लिए बेहद अहम हैं. देश के कई राज्यों में ये सीटे हैं जिसके चलते यह माना जा रहा है कि इन सीटों के चुनाव परिणाम विपक्ष के लिए संजीवनी का काम कर सकते हैं.
जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें यूपी से गोरखपुर सीट जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे से और दूसरी फूलपुर जो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र देने से रिक्त हुई हैं.
भाजपा के लिए ये दोनो सीटें बचाये रखना बेहद महत्वपूर्ण है. बिहार की अररिया सीट राजद सदस्य तस्लीमुद्दीन के निधन से रिक्त हुई है जिसे बचाये रखने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद पूरी जान लगा देंगे. वहीं राजद से गठबंधन टूटने के बाद जदयू व भाजपा की पूरी कोशिश होगी कि राजद के खाते से यह सीट जीतकर अपने गठबंधन की सफलता पर मुहर लगायें. राजस्थान में भी दो सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ये दोनों सीटें भाजपा सदस्यों के निधन से रिक्त हुई हैं.
अलवर से महंत चांदनाथ व अजमेर से सनावर लाल जाट पिछले चुनाव में जीते थे. कांग्रेस की नजर दोनों सीटों पर है. प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट पूरी ताकत झोंक रहे है. पश्चिम बंगाल में अलबेरिया सीट तृणमूल कांग्रस सांसद सुल्तान अहमद के निधन से रिक्त हुई है. राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी और मुख्यमंत्री के लिए यह सीट बचाये रखना बेहद अहम है. जम्मू-कश्मीर में पीडीपी नेता मुफ्ती सईद के निधन से रिक्त हुई अनंननाग सीट पर भी कांग्रेस की नजर है.
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