राज्यपालों के सम्मेलन के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री की चिंता, सुशासन के अभाव में पिछड़े कुछ राज्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में विचारों, संसाधनों और क्षमताओं की कमी नहीं है लेकिन कुछ राज्य और इलाके सुशासन के अभाव मे पिछड़ रहे हैं.
नई दिल्ली में शुक्रवार को राज्यपालों और उपराज्यपालों के सम्मेलन के समापन सत्र में मौजूद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा. |
प्रधानमंत्री विभिन्न राज्यों के राज्यपालों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे.
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, मोदी ने कहा कि जिन प्रदेशों में सुशासन है, वहां गरीबों के कल्याण के लिए सरकार की विभिन्न योजनाएं ठीक ढंग से लागू हो रही हैं. मिशन ‘इंद्रधनुष’ का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार की ऐसी पहल को राज्यपाल अधिक प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.
देश में एकता और एकजुटता की भावना को मजबूत बनाने के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यपालों को एक भारत, श्रेष्ठ भारत और रन फार यूनिटी जैसे कार्यक्र मों में स्वयं को शामिल करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत में विचारों, संसाधनों और क्षमताओं की कमी नहीं है लेकिन कुछ राज्य और इलाके सुशासन के अभाव में पिछड़ रहे हैं. राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल कहा था कि राज्यों के राज्यपाल संविधान की पवित्रता को बरकरार रखते हुए समाज में बदलाव के वाहक बन सकते हैं और न्यू इंडिया के संकल्प को जनांदोलन के स्वरूप प्रदान करने के लिये छात्रों एवं शिक्षकों को जोड़ सकते हैं.
2022 तक न्यू इंडिया के लक्ष्य का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस लक्ष्य को जनांदोलन बनाकर ही हासिल किया जा सकता है. इस संदर्भ में राज्यपालों को छात्रों एवं शिक्षकों से संवाद करना चाहिए.
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