राहुल गांधी बोले- रोजगार नहीं पैदा कर सकी कांग्रेस, मोदी सरकार भी नाकाम

Last Updated 20 Sep 2017 12:57:29 PM IST

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज अमेरिका के प्रिंस्टन यूनीवर्सिटी में छात्रों से मुखातिब हुए. छात्रों से बातचीत में उन्होंने स्वीकार किया कि मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को भारत में सत्ता इसलिए मिली क्योंकि लोग कांग्रेस पार्टी से बेरोजगारी के मुद्दे पर नाराज थे.


कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)

हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी भारत में इस समस्या के लिए पर्याप्त में काम नहीं कर रहे हैं.

गांधी यहां दो हफ्ते की अमेरिका यात्रा पर हैं. प्रिंस्टन यूनीवर्सिटी में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने ने कहा कि आज किसी भी लोकतांत्रिक देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती रोजगार को लेकर है फिर चाहे वह अमेरिका हो या फिर भारत.

उन्होंने कहा कि लोग रोजगार के लिए गांवों से शहरों की ओर बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं लेकिन शहरों में भी उनके लिए रोजगार नहीं है. ये एक बड़ी चुनौती है.

राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि लोग कांग्रेस पार्टी से बेरोजगारी के मुद्दे पर नाराज थे और यही कारण है कि मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को भारत में सत्ता मिली.
उन्होंने कहा कि रोजगार का पूर्ण मतलब राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में लोगों को सशक्त करना और शामिल करना है.

उन्होंने छात्रों से कहा, मैं सोचता हूं, मोदी के उभार का मुख्य कारण और ट्रंप के सत्ता में आने की वजह, अमेरिका और भारत में रोजगार का प्रश्न होना है. हमारी बड़ी आबादी के पास कोई नौकरी नहीं है और वह अपना भविष्य नहीं देख सकते हैं. और इसलिए वह परेशान हैं, और उन्होंने इस तरह के नेताओं को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि एक अन्य समस्या यह है कि बेरोजगारी को कोई समस्या मान ही नहीं रहा है.

राहुल गांधी ने कहा, मैं ट्रंप को नहीं जानता. मैं उस बारे में बात नहीं करूंगा. लेकिन, निश्चित ही हमारे प्रधानमंत्री (रोजगार सृजन के लिए) पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं. उन्होंने अमेरिका में विशेषज्ञों, व्यापारिक नेताओं और कांग्रेस के सदस्यों के साथ अपनी बैठक में बेरोजगारी का मामला बार-बार उठाया है.

उन्होंने बर्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया को संबोधित करते हुए कहा था, इस समय हम पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं कर रहे हैं. हर दिन रोजगार बाजार में 30,000 नए युवा शामिल हो रहे हैं और इसके बावजूद सरकार प्रतिदिन केवल 500 नौकरियां पैदा कर रही है. इसमें बड़ी संख्या में पहले से ही बेरोजगार युवा शामिल नहीं हैं. 

राहुल गांधी ने यहां कहा कि भारत को चीन के साथ मुकाबला करने के लिए स्वयं में बदलाव करने की आवश्यकता है और इसके लिए देश के लोगों को रोजगार की जरूरत है. उन्होंने कहा, हमारे (एक दिन में) 30,000 नौकरियां पैदा नहीं कर पाने से जो लोग हमसे नाराज थे वे मोदी से भी नाराज होंगे. मुख्य प्रश्न इस समस्या को सुलझाना है. मोदी के साथ मुख्य मसला यह है कि वे इस मुद्दे से ध्यान भटका देते हैं और यह कहने के बजाए कि सुनो हमें एक समस्या है, वह किसी ओर पर उंगली उठा देते हैं.   

राहुल ने कहा, भारत में इस समय लोगों में गुस्सा भर रहा है. हम इसे महसूस कर सकते हैं. इसलिए मेरे लिए चुनौती एक लोकतांत्रिक पर्यावरण में रोजगार सृजन की समस्या को सुलझाना है. यह चुनौती है. उन्होंने तर्क दिया, इसके लिए पहले हमें स्वीकार करना होगा, कि यह एक समस्या है. इसके बाद हमें एकजुट होकर इससे निपटने की कोशिश करनी होगी. इस समय, कोई यह स्वीकार तक नहीं कर रहा कि यह एक समस्या है. 

राहुल ने प्रिंसटन में अपने अधिकतर प्रश्नोत्तर सत्र में रोजगार पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा कि नई तकनीक एवं आधुनिकीकरण से रोजगार कम होने की संभावना नहीं है.
उन्होंने भारत में ध्रुवीकरण का मामला भी उठाया. राहुल गांधी ने कहा कि ध्रुवीकरण की राजनीति भारत में मुख्य चुनौती है और अल्पसंख्यक समुदायों और जनजातीय लोगों समेत समाज के कुछ वर्गों को ऐसा नहीं लगता कि वे सत्तारूढ़ भाजपा की सोच का हिस्सा हैं.

उन्होंने कहा, 21वीं सदी में यदि आप कुछ लोगों को अपनी सोच से बाहर रख रहे हैं, तो आप संकट को बुला रहे हैं. नए विचार आएंगे, नई विभिन्न सोच विकसित होंगी. इसलिए, मेरे लिए भारत में मुख्य चुनौती ध्रुवीकरण की राजनीति है जहां आप एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ खड़ा कर देते हैं और आप अन्य लोगों के आने के लिए जगह पैदा कर देते हैं. 

गांधी ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, 10 करोड़ जनजातीय लोगों का एक इलाका है जो (भाजपा की) सोच को लेकर सहज महसूस नहीं करता. भारत में कई राज्य हैं, जो नहीं चाहते कि उन पर एक ही सोच लागू की जाए. देश में अल्पसंख्यक समुदाय है, उन्हें नहीं लगता कि वे इस सोच का हिस्सा है. असल खतरा यही है. 
उन्होंने कहा कि लोगों को गले लगाना ही भारत की ताकत रही है. 

समयलाइव डेस्क/भाषा


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