सांझी विरासत की बात अौर संघ कार्यकर्ताओं की हत्या पर चुप

Last Updated 17 Aug 2017 09:01:06 PM IST

भाजपा ने गुरुवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सांझी विरासत की बात करना लेकिन केरल में कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा आरएसएस के लोगों की हत्या पर चुप्पी साधे रहना आडंबर है.


केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (फाइल फोटो)

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल जो कह रहे हैं वह देश की जनता द्वारा उन्हें और उनकी पार्टी को खारिज किये जाने पर निराशा की गहरी भावना से उपजा राजनीतिक रदन ज्यादा है.
     
इससे पहले गुरुवार को दिन में राहुल ने जदयू के असंतुष्ट नेता शरद यादव द्वारा आयोजित सांझी विरासत बचाओ कार्यक्रम में हिस्सा लिया जहां पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के साथ माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा समेत वामपंथी नेताओं ने भी भाग लिया.
     
राहुल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपने वादों को पूरा नहीं कर पा रही है. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी हमला बोला.
     
प्रसाद ने कहा, गुरुवार को चल रही सांझी विरासत वार्ता पर मेरा एक सवाल है. केरल के कन्नूर में कथित तौर पर माकपा के लोग संघ कार्यकर्ताओं की हत्या कर रहे हैं, यह कौन सी विरासत है. 
     
उन्होंने कहा, सांझी विरासत के आयोजक -कांग्रेस, वाम और शरद यादव साथ में बैठे हैं. लेकिन केरल के कन्नूर में माकपा कार्यकर्ता और उनके गुंडों द्वारा संघ कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या पर वे क्या सोचते हैं. क्या यह भारत की सांझी विरासत का हिस्सा है? यह आडंबर है. 
      
शरद यादव पर हमला बोलते हुए प्रसाद ने कहा, जिस व्यक्ति की पूरी राजनीति जेपी के कदमों पर और कांग्रेस के विरोध के साथ शुरू हुई, वह आज राहुल गांधी के साथ बैठकर खुश हो रहा है. 
     
उन्होंने कहा कि यह उन लोगों का गठजोड़ है जो नरेंद्र मोदी और भाजपा से डरे हुए हैं. यह उन लोगों का भी गठबंधन है जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है और अब कार्यवाई हो रही है.
    
कश्मीर पर प्रसाद ने कहा कि सरकार आतंकियों और अलगाववादियों के खिलाफ और उनके धन जुटाने के तरीकों के खिलाफ बहुत कड़े कदम उठा रही है.


     
भाजपा नेता ने कहा कि राहुल का गुरुवार को सबसे आपत्तिजनक बयान यह था कि भाजपा अपने लोगों के जरिये न्यायपालिका और मीडिया पर दबाव बना रही है.
    
उन्होंने कहा, भारत की न्यायपालिका स्वतंत्र है और हम सभी उसका सम्मान करते हैं.

भाषा


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