मोदी पर इस्राइली प्रधानमंत्री की कथित टिप्पणियों का मुद्दा उठा रास में

Last Updated 24 Jul 2017 03:37:34 PM IST

कांग्रेस ने सोमवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया इस्राइल यात्रा के दौरान उनके फलस्तीन न जाने के कारणों के बारे में उनके इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा की गई कथित टिप्पणियों का मुद्दा उठाया.


कांग्रेस के आनंद शर्मा (फाइल फोटो)

कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि उन्होंने इस विषय पर कामकाज निलंबित कर तत्काल चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया है क्योंकि यह एक अत्यंत गंभीर मुद्दा है और कहा कि निजी बातचीत में की गई टिप्पणियां प्रधानमंत्री के पद की मर्यादा से जुड़ी हैं और जो कुछ भी हुआ है, उसके दूरगामी परिणाम होंगे.
     
शर्मा ने कहा कि किसी भी देश की यात्रा करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है.
    
गौरतलब है कि मोदी 4 से 6 जुलाई तक इस्राइल की यात्रा पर थे लेकिन वह फलस्तीन नहीं गए. इसी समय भारतीय नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल दोनों देशों के दौरे पर गया था लेकिन मोदी उनसे अलग हो गए थे. 
    
शर्मा ने कहा कि एक प्रतिष्ठित इस्राइली समाचार पत्र द्वारा जारी एक ऑडियो में कहा गया है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की हंगरी, चेक गणराज्य, पोलैंड, स्लोवानिया और यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ एक बैठक बुडापेस्ट में हुई. ऑडियो के अनुसार, इस बैठक में नेतन्याहू ने इन देशों के नेताओं को बताया कि मोदी ने प्रौद्योगिकी और पानी के लिए फलस्तीन के बजाय उनके देश को चुना है.
     
हॉट माइक पर हो रही इस बातचीत में नेतन्याहू ने कहा कि मोदी ने उनसे कहा कि उन्हें उनके देश के लोगों के लिए पानी चाहिए जो उन्हें रामल्ला से नहीं मिल सकता.
    
शर्मा ने कहा कि भारत हमेशा ही फलस्तीन के साथ एकजुटता के साथ खड़ा रहा है.
    
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही भारत की विदेश नीति संतुलित रही है जिसमें देश के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है.
    
उप सभपति पी जे कुरियन ने शर्मा के नोटिस को अनुमति नहीं दी. कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा निजी बातचीत में की गई टिप्पणियां उनके पद की मर्यादा से जुड़ी हैं.


    
कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता ए के एंटनी ने कहा कि यह कोई छोटा मुद्दा नहीं है और इसके दूरगामी परिणाम होंगे.
    
कांग्रेस सदस्यों ने इस पर सरकार से जवाब की मांग की जिस पर कुरियन ने कहा कि वह सरकार को जवाब देने से रोक नहीं रहे हैं लेकिन साथ ही वह उसे जवाब देने के लिए आदेश नहीं दे सकते. उन्होंने कहा जवाब देना या न देना सरकार पर निर्भर है.

भाषा


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