1 जुलाई से पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य

Last Updated 29 Jun 2017 03:41:35 AM IST

सरकार ने आगामी एक जुलाई से करदाताओं के स्थायी खाता संख्या (पैन) को उनके आधार नंबर के साथ जोड़ना अनिवार्य कर दिया है.




1 जुलाई से पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य

आयकर नियमों को संशोधित और अधिसूचित करते हुए सरकार ने पैन के लिए आवेदन करते समय 12 अंक के बायोमैट्रिक या आधार पंजीकरण आईडी देना अनिवार्य कर दिया है. रिटर्न दाखिल करने, बैंक खाता खोलने और एक निश्चित सीमा से अधिक के वित्तीय लेनदेन के लिए पैन जरूरी होता है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त विधेयक 2017-18 के कर प्रस्तावों में संशोधनों के जरिए आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया था. इसके अलावा पैन को आधार के साथ जोड़ना भी अनिवार्य किया गया था, जिससे एक ही व्यक्ति के नाम कई पैन कार्ड का इस्तेमाल करते हुये की जाने वाली कर अपवंचना को रोका जा सके.

राजस्व विभाग ने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति जिसके पास एक जुलाई, 2017 तक पैन नंबर है, उसे धारा  139एए की उपधारा (2) के प्रावधानों के तहत अपने आधार नंबर की जानकारी आयकर विभाग के प्रधान महानिदेशक (सिस्टम्स) या डीजीआईटी (सिस्टम्स) को इसकी सूचना देनी होगी.

राजस्व विभाग ने आयकर कानून के नियम 114 को संशोधित करते हुए कहा कि ये नियम एक जुलाई, 2017 से लागू होंगे. यह नियम पैन आवंटन के आवेदन से संबंधित है. कुल 2.07 करोड़ करदाता अपने आधार को पहले ही पैन से जोड़ चुके हैं.

देश में पैन कार्डधारकों की संख्या 25 करोड़ है जबकि 111 करोड़ लोगों को आधार संख्या दी जा चुकी है. इससे पहले इसी महीने उच्चतम न्यायालय ने आयकर कानून के उस प्रावधान को उचित ठहराया था जिसमें पैन कार्ड आवंटन तथा आईटी रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार को  अनिवार्य किया गया है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने संविधान पीठ द्वारा इस मुद्दे को निपटाने तक इस पर आंशिक स्थगन दिया है.

उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला देते केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड  ने कहा था कि शीर्ष अदालत ने सिर्फ उन लोगों को आंशिक राहत दी है जिनके पास आधार नंबर या आधार नामांकन आईडी नहीं है. कर अधिकारी ऐसे लोगों का पैन रद्द नहीं करेंगे.

समयलाइव डेस्क


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