दार्जीलिंग संकट : गुरंग ने दी आंदोलन तेज करने की धमकी
अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे जीजेएम ने आज अपना रुख और कड़ा कर लिया तथा 17 जून को पर्वतीय क्षेत्र में पुलिस की कथित गोलीबारी की घटना की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग करते हुए इसके प्रमुख बिमल गुरंग ने आंदोलन तेज करने की धमकी दी.
जीजेएम प्रमुख बिमल गुरंग (फाइल फोटो) |
गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के मुख्य कार्यकारी पद से इस्तीफा दे चुके गुरंग ने कहा, गोरखालैंड के लिए आंदोलन जारी रहेगा. हमने जीटीए से इस्तीफा दे दिया है. हमारी एक सूत्री मांग गोरखालैंड है. गुरंग के साथ इकाई के अन्य निर्वाचित सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया है.
पिछले कई दिनों से सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) नेता पार्टी के गढ़ दार्जीलिंग के पटलीबास में मीडिया के समक्ष दिखे.
उन्होंने कहा, मैं कोई किशनजी (माओवादी नेता) नहीं हूं जिसे पुलिस मुठभेड़ में खत्म किया जा सके. मैंने देश के खिलाफ हथियार नहीं उठाए हैं. मैं गोरखाओं की पहचान के लिए लड़ रहा हूं और लोकतंत्र में मुझे यह करने का पूरा अधिकार है.
गुरंग ने कहा, हमारी लड़ाई जारी रहेगी और मैं अंत तक लड़ूंगा.
यह आरोप लगाते हुए कि 17 जून को पुलिस ने पर्वतीय क्षेत्र में गोलीबारी की जिसमें जीजेएम के कार्यकर्ता मारे गए, गुरंग ने कहा, हमारे (जीजेएम) पास घटना की वीडियो फुटेज है. मैं सीबीआई जांच की मांग करता हूं.
उन्होंने दावा किया कि यह राज्य सरकार है जिसने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है और जीजेएम के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए हैं.
जीजेएम की मांग पर केंद्र के रख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, केंद्र सरकार के साथ बातचीत जारी है और हम उम्मीद करते हैं कि जल्द कुछ सकारात्मक निकलकर आएगा.
उन्होंने कहा कि जीटीए अब एक बंद अध्याय है और 29 जून को अगली सर्वदलीय बैठक होगी जिसमें आगे की कार्वाई के बारे में फैसला किया जाएगा.
| Tweet |