EVM छेड़छाड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को भेजा नोटिस, मांगा जवाब

Last Updated 24 Mar 2017 04:14:26 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने हाल के विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में छेड़छाड़ किये जाने के आरोपों की सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों से जांच कराने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को चुनाव आयोग से जवाब मांगा.


(फाइल फोटो)

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए के कौल की पीठ ने एक याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया. याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुनाव आयोग द्वारा चुनावों में इस्तेमाल लायी जाने वाली इवीएमों में आसानी से छेड़छाड़ की जा सकती है.

वकील एम एल शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से यह जनहित याचिका दायर की है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गयी है कि वह केंद्र सरकार को किसी राजनीतिक दल द्वारा निहित स्वार्थ को लेकर ईवीएम में छेड़छाड़ कथित रूप छेड़छाड़ किये जाने के मामले की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने और सुप्रीम कोर्ट में जांच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दे.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र एवं अन्य पक्षों को नोटिस नहीं जारी किया जिनका इस जनहित याचिका में उल्लेख है.

याचिका में ईवीएम की गुणवत्ता, सॉफ्टवेयर (मालवेयर और हैकिंग प्रभाव की किसी भरोसेमंद प्रयोगशाला) वैज्ञानिक और सॉफ्टवेयर द्वारा जांच कराने और उसकी रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने की मांग की गयी है.

याचिकाकर्ता ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों एवं महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ किये जाने के आरापों का भी उल्लेख किया है.

याचिका में दावा किया गया है कि चुनाव आयोग ने यह खुद ही माना है कि ईवीएम से तब तक ही छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है जब तक उसकी तकनीकी, यांत्रिक और सॉफ्टवेयर बारीकियां गोपनीय रहती हैं. किसी भी विशेषज्ञ द्वारा रिवर्स इंजीनियरिंग के माध्यम से इन बारीकियों का पता लगाया जा सकता है.

भाषा


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