सैन्य खरीद में तेजी लाई जानी चाहिए: थलसेना प्रमुख
भारत की सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रक्षा प्रणालियों की खरीद में तेजी लाने की आज जोरदार वकालत की. रावत ने यह भी कहा कि सशस्त्र बलों को सीमा पर युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए.
थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (फाइल फोटो) |
सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में देरी पर अपनी नाखुशी के संकेत देते हुए थलसेना प्रमुख ने कहा कि सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए \'\'परीक्षण प्रक्रिया\'\' ज्यादा समय तक लटकी न रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए उचित ध्यान दिया जाना चाहिए.
सैन्य संचार पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए उच्च-तकनीकी वाले उत्पाद तेजी से खरीदे जाने चाहिए ताकि वे खरीदे जाने पर बेकार नहीं हो जाएं.
उन्होंने कहा, \'\'हमें जो भी शामिल करना है वह तेज प्रक्रियाओं के जरिए होना चाहिए, क्योंकि प्रौद्योगिकी जल्द ही पुरानी पड़ जाती है.\'\'
जनरल रावत ने कहा, \'\'यह बहुत अहम है कि हम ऐसी प्रौद्योगिकी और ऐसे उपकरणों की सही पहचान करें जिन्हें सशस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. हमें सुनिश्चित करना होगा कि परीक्षण की प्रक्रियाएं ज्यादा लंबी न खिंचें.\'\'
थलसेना प्रमुख ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि भारत के समक्ष अर्ध पारंपरिक अथवा गैर परंपरागत युद्ध के खतरे आते रहेंगे और सशस्त्र बलों को ऐसी किसी भी चुनौती से निबटने के लिए तैयार रहना होगा.
जनरल रावत ने सैन्य संचार पर दो दिवसीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, \'\'सशस्त्र बलों को सीमा पर परंपरागत युद्ध के लिए भी तैयार रहना होगा.\'\'
रक्षा राज्य मंत्री सुभाष ब्रह्मा ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और सूचना प्रौद्योगिकी उसकी ताकत को बढ़ाने का काम कर सकती है .
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सीआईआई के चंद्रजीत बनर्जी ने सरकार और रक्षा उद्योग के बीच रक्षा उत्पादों की सामरिक साक्षेदारी के लिए जल्दी अधिसूचना जारी करने पर जोर दिया.
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