संसद ने प्रसूति प्रसुविधा संशोधन विधेयक को मंजूरी दी
संसद ने सोमवार को प्रसूति प्रसुविधा संशोधन विधेयक 2016 को मंजूरी दे दी जिसमें खान, फैक्टरी, बागानों, दुकानों तथा संगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को मातृत्व सुविधा प्रदान करने की पहल की गई है.
(फाईल फोटो) |
राज्यसभा में सोमवार को प्रसूति प्रसुविधा संशोधन विधेयक 2016 पर सरकार द्वारा लाये गये संशोधनों को बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया. लोकसभा में सरकार इस विधेयक पर संशोधन लायी थी. इस कारण इन संशोधनों सहित विधेयक को राज्यसभा की मंजूरी दिलवायी गयी.
सदन में श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि इसमें दो छोटे छोटे संशोधन हैं इसलिए सदन इसे बिना चर्चा के पारित करने पर विचार कर सकता है. सदन ने इस सुझाव को मान लिया.
इस विधेयक के जरिये प्रसूति प्रसुविधा विधेयक 1961 में संशोधन किया गया है और महत्वपूर्ण पहल की गई है. इसका लाभ खान, फैक्टरी, बागानों, दुकानों आदि में काम करने वाली महिलाओं को मिलेगा जहां 10 या इससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं.
इसमें प्रसूति लाभ को बेहतर बनाने हुए मातृत्व अवकाश की अवधि को दो बच्चों तक 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने का प्रस्ताव किया गया है.
विधेयक में दो बच्चों के बाद प्रसूति अवस्था में मातृत्व लाभ 12 सप्ताह रहने की बात कही गई है. इसमें यह भी प्रस्ताव किया गया है कि नियोक्ता एवं कर्मचारी की सहमति से गर्भवर्ती महिला घर से भी काम संपादित कर सकती हैं. इसमें कुछ खास श्रेणी की फर्म में छोटे बच्चों के लिए क्रेच स्थापित करने की बात भी कही गई है.
| Tweet |