रवांडा, युगांडा के साथ पर्याप्त संसदीय संवाद नहीं हुआ : उपराष्ट्रपति
रवांडा और युगांडा के साथ पर्याप्त संसदीय संवाद नहीं होने की बात को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार विधायी स्तर के सहयोग को बढ़ाएगी ताकि सांसदों को देश की विदेश नीति के बारे में सीधे तौर पर अनुभव प्राप्त हो सके.
रवांडा और युगांडा की यात्रा से लौटे उपराष्ट्रपति (फाइल फोटो) |
उपराष्ट्रपति ने यह भी रेखांकित किया कि ऐसे देशों की उच्च स्तरीय यात्राओं को लेकर हमारी तरफ से कमी रही है और इस कमी को भरा जाना चाहिए.
अंसारी ने संवाददाताओं से कहा, \'\'रवांडा में सीनेट के अध्यक्ष और युगांडा की संसद के स्पीकर से संवाद के दौरान यह महसूस हुआ कि पर्याप्त संसदीय संवाद नहीं हुआ और मैं यह स्वीकार करता हूं.. वापस लौटकर मैं लोकसभा अध्यक्ष के साथ सलाह मशविरा करके इस बात पर विचार करूंगा कि कैसे अच्छे तरीके से इस कमी को पाटा जा सकता है.\'\'
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इन दोनों देशों में सांसद सरकारी नीतियां बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं.
उपराष्ट्रपति युगांडा की राजधानी कंपाला से दिल्ली लौटने के दौरान रास्ते में संवाददाताओं से मुखातिब थे. वह दो अफ्रीकी राष्ट्रों की पांच दिवसीय यात्रा पूरी करके लौट रहे हैं, जिसमें पूर्वी अफ्रीकी देश रवांडा भी शामिल है.
उन्होंने कहा, \'\'भारत की ओर से रवांडा में यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है और 1997 के बाद से हमारी ओर से युगांडा की ऐसी कोई यात्रा नहीं हुई. यह हमारी तरफ से कमी है क्योंकि वे भारत अफ्रीका शिखर सम्मेलन और वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रमों में शिरकत करते रहे हैं.\'\'
अंसारी राज्यसभा के सभापति भी हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत असाधारण गर्मजोशी से किया और हमारे साथ वार्ताएं कीं. उन्होंने कहा, \'\'मैं कहना चाहूंगा कि सौहार्द स्पष्ट था.\'\'
उपराष्ट्रपति ने कहा, \'\'दोनों देशों में उन्होंने उचित मुद्दा उठाया, लेकिन हमारी ओर से असहजता थी, उनकी तरफ से .. ऐसा नहीं है कि वे नहीं मिलते, वे जिनेवा में संसदीय संवाद में मिले थे, लेकिन वह पर्याप्त संवाद नहीं था. संसदीय प्रतिनिधिमंडल की इस यात्रा से अफ्रीका को लेकर समझ बढ़ेगी और यह बताएगी कि दोनों देशों में सहमति के कौन-कौन से क्षेत्र हैं जिनका सरकारी नीतियों के निर्धारण में दीर्घकालिक योगदान होगा.
अंसारी 19 से 23 फरवरी तक अपनी पत्नी सलमा अंसारी, केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री विजय संपला और चार संसदों-- कनीमोझी, रणविजय सिंह जुदेव, रानी नारह और पीके बीजू-- तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दो देशों की यात्रा पर थे.
रवांडा की संसद में करीब 64 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और युगांडा ने भी ऐसी नीति बनाई है कि प्रत्येक जिले से कम से कम एक महिला प्रतिनिधि को संसद में भेजा जाए.
| Tweet |