जल्लीकट्टू : अध्यादेश के लिए रास्ता साफ, तमिलनाडु में बंद से जनजीवन प्रभावित

Last Updated 20 Jan 2017 09:31:27 PM IST

तमिलनाडु में बंद से जनजीवन ठहर जाने के बीच राज्य और केंद्र सरकार ने जल्लीकट्टू का आयोजन जल्द सुनिश्चित करने को लेकर एक अध्यादेश लाने के लिए आज सक्रियता दिखायी.


जल्लीकट्टू को लेकर प्रदर्शन.

इस बीच, मरीना बीच और अन्य स्थानों पर हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस खेल का आयोजन नहीं होने तक झुकने से इनकार कर दिया है. राज्य में पांचवें दिन भी छात्रों, युवाओं और अन्य तबके के लोगों का प्रदर्शन जारी रहा. वे लोग सांड़ों पर काबू पाने के इस खेल का फौरन अलंगनल्लूर और अन्य स्थानों पर आयोजन होने देने की मांग कर रहे हैं. यह स्थान जल्लीकट्टू का केंद्र है.

उन्होंने कहा कि वे इस खेल के आयोजन की इजाजत के लिए एक अध्यादेश लागू किए जाने की कोशिशों का स्वागत करते हैं लेकिन वे लोग कार्यक्र म के होने तक आंदोलन वापस नहीं लेंगे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिल कर राष्ट्रीय राजधानी से कल वापस लौटे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेलवम ने आज सुबह घोषणा की कि राज्य सरकार जल्लीकट्टू की इजाजत देने के लिए एक..दो दिनों में एक अध्यादेश जारी करेगी. राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए अध्यादेश का एक मसौदा केंद्रीय गृह मंत्रालय को दिया जा चुका है. इसके बाद राज्यपाल इसे जारी करेंगे.

उन्होंने चेन्नई पहुंचने पर कहा, ''राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की कल मंजूरी मिलने के बाद 'जंतु निर्ममता निवारण अधिनियम' में संशोधन के लिए हमारे राज्यपाल अध्यादेश जारी करेंगे.'' उन्होंने कहा कि इस खेल के आयोजन की राह से सभी बाधाओं को हटाने के लिए कानूनी कदम उठाए जाएंगे.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह, पर्यावरण मंत्री अनिल दवे और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस मुद्दे का जल्द हल करने के लिए शीघ कदम उठाये जाने का भरोसा दिलाया है. सिंह से अन्नाद्रमुक के सांसदों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल मिला था.

साथ ही, अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि इस विषय का हल निकालने के लिए तमिलनाडु के साथ केंद्र सरकार बातचीत कर रही है, जिसके बाद न्यायालय जल्लीकट्टू मुद्दे पर एक हफ्ते तक फैसला नहीं देने पर सहमत हुआ. भाजपा ने यह कहने की कोशिश की है कि उसकी सरकार मुद्दे का हल करने में सक्रियता से शामिल है.

कानून मंत्री ने बताया कि उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की, जबकि केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन और तमिलनाडु भाजपा प्रमुख तमिलसई सौंदरराजन भी उनके साथ थे, जब वह मीडिया से मिले थे.

हालांकि राजनीतिक दल युवाओं के बीच असंतोष से दूर रहे हैं, जबकि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी द्रमुक ने राज्यव्यापी रेल रोको आंदोलन किया. इसके कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया. कई द्रमुक कार्यकर्ताओं के अलावा स्टालिन और कनीमोई को गिरफ्तार किया गया. स्टालिन ने यह भी घोषणा की है कि वह कल दिन भर का अनशन करेंगे.

तमिल फिल्म उद्योग ने जल्लीकट्टू समर्थकों के साथ एकजुटता जाहिर की है. वहीं शीर्ष कलाकार मूक प्रदर्शन में शामिल हुए. फिल्म शूटिंग दिन भर के लिए निलंबित कर दी गई.

सुपरस्टार रजनीकांत, अभिनेता अजित कुमार, सूर्या, सूर्य कार्तिकेयन के अलावा अदाकारा तृशा भी मूक प्रदर्शन में शरीक हुई. ऑटो रिक्शा और टैक्सी सड़कों से नदारद रहीं. वहीं कुछ सरकारी बसें ही सड़कों पर नजर आईं.

बैंकों में कामकाज भी प्रभावित हुआ. कर्मचारियों ने प्रदर्शन में भाग लिया. विभिन्न आईटी कंपनियों के कर्मचारी तख्तियां और बैनर लिए हुए थे जिन पर एनजीओ 'पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स' (पेटा) के खिलाफ नारे लिखे थे. कई अंतर और अंतराराज्यीय बसें पूरी तरह से और आंशिक रूप से रद्द रहीं जबकि कुछ अन्य के मार्ग बदल दिए गए. उपनगरीय ईएमयू सेवाएं देर से चलीं.



चेन्नई में, मरीना बीच की ओर जाने वाली सारी सड़कों पर पुरूष और महिलाएं काले लिबास पहने हुए थे. इसके अलावा बच्चे भी प्रदर्शन में शामिल हुए.

मुख्यमंत्री की यह घोषणा कि वह खुद ही जल्लीकट्टू का आयोजन कराएंगे, प्रदर्शनकारियों को नरम नहीं कर सकी. काफी संख्या में युवा मोटरसाइकिल और कार से कमरजार सलाई पहुंचे, जहां पहले से काफी भीड़ थी. यहां मरीना बीच पर जब एक पुलिस कांस्टेबल ने अपना समर्थन जाहिर किया, तब युवाओं ने उनका तालियों से अभिवादन किया. ये लोग यहां चार दिनों से जमे हुए हैं.

इस बीच, चेन्नई पुलिस ने मरीना में आंदोलनरत युवाओं की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों से असाधारण शांति कायम रखी है. चेन्नई नगर पुलिस ने अपने सोशल नेटवर्किंग पेज पर कहा, ''उन्होंने कमरजार सलाई में यातायात को सुगमता से चलने देने के लिए पुलिस से सहयोग किया है.''

सिनेमा घरों में सुबह से शाम तक फिल्मों की स्क्रीनिंग बंद रही. वस्त्र कारोबारियों ने इरोड में अपनी दुकानों पर काले झंडे फहराए. उन्होंने दुकानें बंद रखी. पुलिस ने बताया कि कोयंबटूर में एक छात्र ने आत्महत्या की कोशिश की लेकिन उसे दूसरों ने बचा लिया.

पुलिस ने बताया कि तिरूमलयमपलायम में लोगों के एक समूह ने पेटा का पुतला फूंका. शहर के रेलवे स्टेशन पर रेल रोको की कोशिश करने के दौरान द्रमुक के जिला पदाधिकारियों और पूर्व मंत्रियों सहित करीब 2,000 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया.

पुलिस ने बताया कि सेंट्रल टेलीग्राफ ऑफिस में घुसने की कोशिश करने वाले करीब 100 छात्रों को मौके से हटाया गया.

दक्षिण तमिलनाडु में बंद को अच्छी प्रतिक्रिया मिली जहां लगभग सारी दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहें.

किसान, चिकित्सक, वकील और अन्य पेशे से जुड़े लोग भी जल्लीकट्टू समर्थक बंद में शामिल रहें. आंध्र प्रदेश और बिहार के कुछ श्रद्धालु रामेरम द्वीप पर फंस गए क्योंकि तड़के की पैसेंजर ट्रेन नहीं चली, जिसमें वे लोग सवार होने वाले थे.
   
प्रदर्शनकारियों में मछुआरे भी शामिल थे. सभी दक्षिणी जिलों में सड़कों से वाहन नदारद रहें. कई स्थानों पर होटल और रेस्तरां बंद रहे.

भाषा


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