कश्मीर में मुठभेड़, लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकवादी ढेर

Last Updated 08 Dec 2016 06:09:43 PM IST

कश्मीर में गुरुवार को सुरक्षाबलों की लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के साथ छह घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकवादी मारे गए.


(फाइल फोटो)

पुलिस ने कहा कि मारे गए सभी आतंकवादी कश्मीरी हैं और जाहिर तौर पर दक्षिण कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं.

अफवाहों व मुठभेड़ से संबंधित जानकारी को सोशल मीडिया पर फैलने से रोकने के लिए दक्षिणी कश्मीर के कई हिस्सों में मोबाइल फोन तथा इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "लश्कर-ए-तैयबा के तीन स्थानीय आतंकवादी मारे गए. लेकिन तलाशी अभियान अभी भी जारी है."

आतंकवादियों के मारे जाने की खबर जैसे ही फैली, सुरक्षाबलों तथा प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प शुरू हो गई. प्रदर्शनकारियों ने अनंतनाग जिले के अरवानी गांव स्थित मुठभेड़ स्थल तक जाने का प्रयास किया, जो यहां से 40 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है.

दक्षिण कश्मीर में कई अन्य हिस्सों में पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों तथा सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं.

अनंतनाग जिले के अरवानी गांव के एक घर में छिपे आतंकवादियों में लश्कर-ए-तैयबा के डिविजनल कमांडर अबु दुजाना के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही थी. राज्य में यह लश्कर के सबसे खूंखार वांछित आतंकवादियों में से एक है.

दुजाना को लेकर परस्पर विरोधी खबरें थीं. स्थानीय लोगों का कहना था कि वह मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पैतृक शहर बिजबेहरा के नजदीक स्थित अरावनी गांव के अपने ठिकाने से भाग निकला.

सुरक्षा अधिकारियों ने हालांकि इस बात को न तो स्वीकार किया और न ही पुष्टि की है कि बुधवार रात पकड़े गए आतंकवादियों में वह था या नहीं.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने अरवानी गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद बुधवार देर रात इलाके को घेर लिया. उसके कुछ घंटों के बाद तड़के गोलीबारी तेज हो गई.

अधिकारी ने बताया, "सुरक्षा बलों ने घेरेबंदी बढ़ा दी, जिसके बाद गोलीबारी की आवाजें सुनाई दीं. लेकिन, उसके बाद गोलीबारी नहीं हुई. इसके बाद गुरुवार तड़के सूर्योदय होते ही आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी."



मुठभेड़ शुरू होते ही दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में मोबाइल फोन तथा इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं.

हालांकि टेलीफोन सेवाओं के बंद होने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, लेकिन विश्वसनीय सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि अफवाहें फैलने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया.

आईएएनएस


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