नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में घमासान

Last Updated 08 Dec 2016 11:32:13 AM IST

नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में गुरुवार को भी गतिरोध खत्म होता नजर नहीं आ रहा. दोनों सदनों में घमासान जारी है.


नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में घमासान

नोटबंदी के मुद्दे पर राज्यसभा में गुरुवार को भी गतिरोध बना रहा और दोनों पक्षों के हंगामे के कारण सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी.

विपक्ष ने दावा किया कि नोटबंदी के कारण देश भर में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. विपक्ष का आरोप था कि सरकार उन्हें सदन में श्रद्धांजलि देने को तैयार नहीं है, वहीं सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर राजनीति करने और नोटबंदी मुद्दे पर सदन में अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाने की मांग की.

सुबह, सदन की कार्यवाही शुरू पर तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने नोटबंदी का मुद्दा उठाया और कहा कि इस फैसले को आज एक महीना हो गया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है. उन्होंने मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दिए जाने की मांग की.

राय अपनी बात पूरी कर पाते, इसके पहले ही सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने इस पर आपत्ति जताई और सभापति हामिद अंसारी से कहा कि यह पूरी तरह से राजनीति है.

उन्होंने कहा कि नोटबंदी मुद्दे पर सदन में चर्चा पूरी हो और आठ नवंबर का दिन ऐतिहासिक दिन है. उल्लेखनीय है कि उसी प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के बारे में घोषणा की थी.

नायडू ने कहा कि विपक्ष लगागार सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहा है.

इस बीच, विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बोलने की अनुमति मांगी. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जतायी.

सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि सदन की यह परंपरा रही है कि जब सदन के नेता या विपक्ष के नेता बोलना चाहें तो उन्हें बोलने का मौका दिया जाता है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों को उत्तेजित नहीं होना चाहिए और उन्होंने आजाद को बोलने की अनुमति दी है.

नायडू ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से विपक्ष के नेता का संस्थान के तौर पर काफी सम्मान करते हैं लेकिन उनकी आपत्ति इस बात को लेकर है कि विपक्षी सदस्य अपनी बात कह लेने के बाद आसन के समक्ष आकर हंगामा शुरू कर देते हैं और सरकार को अपनी बात कहने का मौका नहीं देते.

आजाद ने कहा कि नोटबंदी के बाद पिछले एक महीने में देश भर में 100 से ज्यादा किसानों, युवाओं और वृद्धों की जान चली गई है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सदन उन लोगों को श्रद्धांजलि दे लेकिन सरकार ने ऐसा करने से इंकार कर दिया.

उन्होंने कहा कि इसलिए आज विपक्ष की 16 पार्टियों के करीब 150 सांसदों ने संसद भवन परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के सामने काला दिवस मनाया.

भाजपा सदस्यों की नारेबाजी के बीच आजाद ने कहा कि सरकार के लिए यह शर्म की बात है कि उसने सदन में उन लोगों को श्रद्धांजलि नहीं देने दी. उन्होंने कहा कि सरकार को शर्म करनी चाहिए, बेशर्मी की भी हद होती है.

सदन के नेता और वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपनी बात रखने की कोशिश की लेकिन नारेबाजी के कारण वह अपनी बात नहीं कह सके.

इस बीच, माकपा के सीताराम येचुरी भी कुछ कहते दिखे जो हंगामे के चलते सुना नहीं जा सका.

हंगामे के बीच, संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि लोग कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन भ्रष्टाचारी और काला धन रखने वाले बच नहीं पाएंगे. हंगामे के बीच, बसपा की मायावती ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से देश की 90 फीसदी जनता परेशान है.

सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के सदस्य अपने स्थानों से आगे आकर नारेबाजी करते रहे. अंसारी ने उनसे शांति बनाए रखने की अपील की. लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा और सभापति ने 11 बजकर करीब 20 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में वही नजारा दिखा. सत्तापक्ष के सदस्य जहां अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे, वहीं कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्य नोटबंदी के कारण जान गंवाने वाले लोगों को सदन में श्रद्धांजलि दिए जाने की मांग कर रहे थे.

कांग्रेस, तृणमूल आदि दलों के सदस्य अपने स्थानों से आगे आकर नारेबाजी कर रहे थे. बसपा, सपा, माकपा आदि दलों के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े थे. उधर, भाजपा के कई सदस्य भी अपने स्थानों से आगे आकर नारेबाजी कर रहे थे.

सभापति हामिद अंसारी ने अपने स्थानों से आगे आए सदस्यों से वापस अपने स्थान पर जाने तथा प्रश्नकाल चलने देने की अपील की.

लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा और उन्होंने 12 बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सेवा कर और गेहूं पर आयात शुल्क संबंधी सरकार की अधिसूचनाओं के बाबत एक बयान सदन के पटल पर सभापति हामिद अंसारी की अनुमति से रखा.

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इन अधिसूचनाओं के तहत सरकार ने 1962 के सीमा शुल्क कानून में संशोधन कर गेहूं आयात पर लगने वाले शुल्क को 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया है.

उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला देश के किसानों के हितों के प्रतिकूल है. उन्होंने कहा कि हाल में नोटबंदी के कारण गेहूं के दामों में गिरावट दर्ज की गयी है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से गेहूं उत्पादक किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी.

जदयू के शरद यादव ने भी सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि गेहूं किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाया तो उनकी मुसीबतें बढ़ जाएंगी. उन्होंने कहा कि गेहूं आयात पर शुल्क हटाने के बारे में सरकार को सफाई देनी चाहिए.

सभापति अंसारी ने विपक्षी नेताओं की आपत्तियों पर संज्ञान नहीं लेते हुए कहा कि सरकार की ओर से अभी इस वक्तव्य को सदन के पटल पर रखा गया है. उन्होंने कहा कि दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के संबंध में एक प्रक्रि या है. उन्होंने कहा कि अगर किसी सदस्य को अधिसूचना पर आपत्ति है तो वह नियमों के तहत इसके विरूद्ध नोटिस दे सकते हैं.

अंसारी ने इसके बाद नोटबंदी मुद्दे पर सदन में अधूरी चर्चा आगे बढ़ाने को कहा और इस क्र म में बीजद सदस्य ए यू सिंह देव का नाम पुकारा. लेकिन सदन में इसी दौरान हंगामा शुरू हो गया. विपक्ष के सदस्य जहां नोटबंदी मुद्दे पर सरकार से माफी मांगने की मांग कर रहे थे वहीं भाजपा के सदस्य चर्चा आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे.

सदन में हंगामा थमते नहीं देख अंसारी ने दो बजकर करीब 10 मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.

लोकसभा में भी संग्राम

विपक्षी दलों के शोर शराबे और नारेबाजी के कारण गुरुवार को लोकसभा में भी प्रश्नकाल के दौरान कार्यवाही बाधित रही और इस विषय पर मतविभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों के सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित स्थगित कर दी गई.

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदल अपनी मांग के समर्थन में अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे और मतविभाजन वाले किसी नियम के तहत चर्चा की मांग करने लगे. कांग्रेस सदस्य विरोध स्वरूप अपने हाथों पर कालीपट्टी बांधे हुए थे.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस सदस्यों से कहा कि विरोध करने का यह तरीका ठीक नहीं है. आप चाहे तो चर्चा करें और इस प्रकार से दूसरे सदस्यों के अधिकारों का उल्लंघन ठीक नहीं है.  

इस बीच विपक्षी सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा. हंगामे के बीच ही कुछ प्रश्नों के उत्तर दिए गए.

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से कई बार अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया लेकिन विपक्षी सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा.

सदन में व्यवस्था नहीं बनती देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 40 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा. इसके बाद भोजनावकाश से 15 मिनट पहले दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

16 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से लोकसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा को लेकर गतिरोध बना हुआ है. विपक्ष जहां मतविभाजन के प्रावधान वाले नियम 56 या नियम 184 के तहत चर्चा की मांग कर रहा है, वहीं सरकार नियम 193 के तहत चर्चा कराने पर जोर दे रही है. इस सप्ताह सोमवार को आसन के निर्देश पर नियम 193 के तहत चर्चा शुरू हुई लेकिन हंगामे के कारण चर्चा आगे नहीं बढ़ पायी.

गुरुवार को भी लोकसभा की कार्यसूची में ए पी जितेन्द्र रेड्डी द्वारा कालेधन को समाप्त करने के लिए करेंसी नोटों के विमुद्रीकरण के प्रस्ताव पर चर्चा का उल्लेख है. 

भाषा


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