नोटबंदी पर प्रधानमंत्री संसद में बोलें, लोगों को गुमराह नहीं करें: कांग्रेस

Last Updated 07 Dec 2016 06:02:48 PM IST

नोटबंदी को लेकर सरकार पर लगातार हमले बोल रही कांग्रेस ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर \'संसद और विपक्ष का अपमान करने\' का आरोप लगाया और कहा कि उनको दूसरे स्थानों पर लोगों को \'गुमराह करने\' की बजाय, संसद में अपनी बात रखनी चाहिए.


कांग्रेस नेता आनंद शर्मा 'एजेंडा आजतक' कार्यक्रम में (फाइल फोटो)

राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने \'एजेंडा आजतक\' कार्यक्रम में कहा, \'\'जब सरकार कोई बड़ा फैसला करती है तो संसद में इस बारे में बताती है. लेकिन नोटबंदी पर इस सरकार ने ऐसा नहीं किया. प्रधानमंत्री ने संसद और विपक्ष दोनों का अपमान किया है.\'\'

उन्होंने कहा, \'\'प्रधानमंत्री नोटबंदी के बारे में गोवा में बोलते हैं, दूसरे स्थानों पर बोलते हैं, लेकिन सदन में नहीं बोलते. वह लोगों को गुमराह कर रहे हैं.\'\'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, \'\'देश में 86 फीसदी मुद्रा खत्म कर दी गई. इसको काला धन बता दिया गया. हम भी चाहते हैं कि काला धन खत्म हो, आतंकवाद पर चोट पहुंचे. परंतु नोटबंदी को लेकर पहले से कोई तैयारी नहीं की गई.\'\'

शर्मा ने कहा, \'\'अब तक 10 लाख करोड़ रूपये से अधिक बैंकों में आ चुके हैं, लेकिन सरकार का मानना है कि इसमें बहुत कम राशि ही जाली है. स्पष्ट होता है कि यह नोटबंदी जाली नोटों को लेकर नहीं की गई. सरकार ने जितनी मुद्रा वापस ली उतना छाप नहीं पाई. उसका यह काम कानूनन गलत है. सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि वह लोगों के पैसे छीने.\'\'

उन्होंने दुनिया के कुछ देशों में नोटबंदी से जुड़े कदमों का हवाला देते हुए कहा, \'\'दुनिया सबसे ज्यादा जाली मुद्रा डॉलर की है. लेकिन अमेरिका ने भी नोटबंदी नहीं की. उत्तर कोरिया और नाइजीरिया में इस तरह के कदम उठाये गये, लेकिन वहां स्वयंभू नेता हैं.\'\'

शर्मा ने नोटबंदी का कारोबार पर बुरा असर पड़ने का दावा करते हुए कहा, \'\'नोटबंदी की वजह से कारखाने बंद हो रहे हैं. सूरत में कपड़े और हीरों के कारखानों पर असर हुआ है. बनारस और दूसरे स्थानों पर भी व्यवसायों पर बुरा असर पड़ा है.\'\'



आनंद शर्मा ने कहा, \'\'नोटबंदी की वजह से बैंकों की साख खत्म हुई है. रिजर्व बैंक से लोगों का विश्वास उठ गया है. हमारे देश में 68 करोड़ लोगों के पास खाता नहीं है. अमेरिका और जर्मनी भी कैशलेस नहीं है. विश्व बैंक की रिपोर्ट कहती है कि कैशलेस अर्थव्यवस्था आने में सदियां लग जायेंगी.\'\'

उन्होंने कहा, \'\'नोटबंदी के कदम की दुनिया भर में आलोचना हो रही है. कहते हैं कि विपक्ष आलोचना नहीं करे. ये कैसा लोकतंत्र चाहते हैं? ये अधिनायकवाद है. लोकतंत्र में विपक्ष की मजबूत आवाज जरूरी है.\'\'

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा नोटबंदी के कदम को \'योजनाबद्ध लूट\' करार दिये जाने के संदर्भ में शर्मा ने कहा, \'\'आम लोगों को लाइनों में लगा दिया गया और उनके पैसे छीन लिये गये. मनमोहन सिंह शालीन हैं जबकि प्रधानमंत्री मोदी की भाषा शालीन नहीं है.\'\' उन्होंने कहा, \'\'प्रधानमंत्री मोदी खुद को फकीर कहते हैं, लेकिन ये कैसे फकीर हैं जिनके पास 500 पोशाकें हैं.\'\'

भाषा


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