शशिकला को केंद्र में लाने की तैयारी
तमिलनाडु में भाजपा जयललिता की करीबी शशिकला को साध कर चलेगी. यही वजह है कि शशिकला को केंद्र में लाने की कवायद शुरू हुई है जिससे तमिलनाडु को अस्थिरता से बचाया जा सके.
शशिकला (File photo) |
केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री एम. वेंकैया नायडू को इसी मकसद से सोमवार दोपहर तमिलनाडु भेजा गया था जिससे कि वहां की राजनीतिक उठापटक पर नजर रखी जा सके.
तमिलनाडु में सोमवार को जब जयललिता के उत्तराधिकारी के तौर पर नए मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम को कमान मिली तो केंद्र ने राहत की सांस ली.
हालांकि केंद्र के सामने मुश्किल यह है कि तमिलनाडु में अभी सरकार जरूर बन गई है, लेकिन स्थिरता कितनी होगी यह सवाल अभी बना है. भाजपा का भी मानना है कि तमिलनाडु में असल ताकत शशिकला हैं. नए मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम को केंद्र से पूरी ताकत मिली है, लेकिन बिना जयललिता वह कितना संभाल पाएंगे, यह देखना है.
इसी के चलते भाजपा ने शशिकला को भी साध रखा है. शशिकला को केंद्र की राजनीति में लाने का फामरूला है, जिससे वहां द्रमुक की तरफ से होने वाली किसी कोशिश को नाकाम किया जा सके. शशिकला के पास राजनीतिक ताकत है और भाजपा की पहली कोशिश यह है कि कैसे वह अपनी पकड़ वहां बनाए.
शशिकला को केंद्र में मंत्री बनाकर भी भाजपा के सहयोगी के तौर पर खड़ा किया जा सकता है.
♦ तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक विभाजन की ओर चली जाएगी. तमिलनाडु की राजनीति में उनकी जगह कोई लेता नहीं दिखाई दे रहा. अन्नाद्रमुक का शासन उनकी सहयोगी रहीं शशिकला के हाथों में चला जाएगा जिनका कोई राजनीतिक या सैद्धांतिक दृष्टिकोण नहीं है. जयललिता की जगह राज्य के मुख्यमंत्री का कामकाज संभालने वाले पार्टी नेता पनीरसेल्वम के पास इस पद पर काम करने की कोई सोच नहीं है. वह केवल जयललिता के नुमांइदे के तौर पर काम करते रहे हैं. - सुब्रमण्यम स्वामी
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