जासूसी मामला: पाकिस्तानी मिशन के कर्मचारी को अनाधिकृत व्यक्ति घोषित किया गया

Last Updated 27 Oct 2016 01:04:26 PM IST

जासूसी गतिविधियों में शामिल पाकिस्तानी उच्चायोग के एक कर्मचारी को भारत ने अनाधिकृत व्यक्ति घोषित करते हुए भारत छोड़ने का आदेश दिया है.


पाक कर्मचारी अनाधिकृत व्यक्ति घोषित (फाइल फोटो)

जासूसी गतिविधियों में शामिल पाकिस्तानी उच्चायोग के एक कर्मचारी को भारत ने गुरूवार को अनाधिकृत व्यक्ति घोषित किया है. दिल्ली पुलिस ने उसे रक्षा तैनाती से संबंधित दस्तावेजों के साथ रंगे हाथों पकड़ा था. भारत ने उसे अवांछित व्यक्ति करार देकर देश छोड़ने के लिए कह दिया है.

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दिल्ली को चिड़ियाघर के पास एक छापा मारकर पाकिस्तानी उच्चायोग में पदस्थ अधिकारी महमूद अख्तर और दो अन्य भारतीय नागरिकों मौलाना रमजान और सुभाष जांगिड़ को पकड़ा और उनके पास से सीमा एवं नियंत्रण रेखा पर सेना एवं सीमा सुरक्षा बल की तैनाती से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज और मानचित्र बरामद किए. 
   
कर्मचारी को संक्षिप्त हिरासत में रखने के बाद रिहा कर दिया था. इसके बाद विदेश सचिव ए जयशंकर ने पाकिस्तानी राजदूत अब्दुल बासित को अपने कार्यालय में तलब किया और उन्हें इस बारे में जानकारी दी.
   
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया, ‘‘विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को यह बताने के लिए तलब किया था कि जासूसी गतिविधियों में लिप्त पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी को अनाधिकृत व्यक्ति घोषित किया गया है.’’


   
खुफिया सूचना के आधार पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने महमूद अख्तर नाम के कर्मचारी को हिरासत में लिया था. उसके पास से रक्षा दस्तावेज मिले थे. पुलिस के मुताबिक अख्तर को राजनयिक छूट हासिल है इसलिए पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया.

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को यहां चिड़ियाघर के पास एक छापा मारकर पाकिस्तानी उच्चायोग में पदस्थ अधिकारी महमूद अख्तर और दो अन्य भारतीय नागरिकों मौलाना रमजान और सुभाष जांगिड़ को पकड़ा और उनके पास से सीमा एवं नियंत्रण रेखा पर सेना एवं सीमा सुरक्षा बल की तैनाती से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज और मानचित्र बरामद किए. 

दिल्ली पुलिस ने बताया कि तीनों को चिड़ियाघर के पास से गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि महमूद अख्तर वीजा विभाग में तैनात था और वह पाकिस्तानी सेना के 40 बलूच रेजीमेंट में हवलदार है, जिसे कुछ वर्ष पहले पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई में नियुक्त किया गया था. 

ये लोग करीब डेढ साल से आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे थे और दिल्ली पुलिस छह माह से उस पर नजर रखे हुए थी. बुधवार रात गिरफ्तार किए अख्तर ने अपनी पहचान गलत बताई थी और उसके पास से फर्जी आधार कार्ड भी मिला है. वह सीमा और नियंत्रण रेखा पर सीमा सुरक्षा बल और सेना की तैनाती के बारे में जानकारी देता था.  

पुलिस ने बताया कि ये पाकिस्तान के लिए जासूसी करते थे और इन्हें इसके बदले पैसा मिलता था. अख्तर को ढाई साल पहले पाकिस्तान उच्चायोग में नियुक्ति दी गई थी और वह महीने एक बार पाकिस्तान का दौरा करता था. 

सूत्रों के अनुसार पुलिस से पूछताछ में अख्तर ने पहले अपना नाम महबूब राजपूत बताया था, लेकिन बाद में गहन पूछताछ करने पर उसने अपनी असलियत जाहिर कर दी. पुलिस ने राजनयिक छूट होने के मद्देनजर उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार नहीं करके पाकिस्तानी उच्चायोग के हवाले कर दिया और सरकार ने उसे वियना

संधि के प्रावधानों के अनुसार अवांछित घोषित करके देश छोड़ने के लिए कह दिया.  

भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिकों को पकड़ने और उन्हें जासूसी के आरोप में निष्कासित करने का सिलसिला नब्बे के दशक में आम रहा है.

अपराध शाखा ने दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है. ये दोनों राजस्थान के निवासी हैं. इन्हें पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी अख्तर को कथित तौर पर संवेदनशील जानकारी मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
  
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ये कथित जासूस राजस्थान के रहने वाले हैं, जो पाकिस्तान के आईएसआई के लिए काम कर रहे थे. ये जासूस यहां पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों के संपर्क में थे और संवेदनशील जानकारी मुहैया करा रहे थे.’’
  
गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों की पहचान मौलाना रमज़ान और सुभाष जांगीड़ के रूप में की गई है.

वार्ता/भाषा


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