यशवंत सिन्हा ने की कश्मीर गतिरोध पर वार्ता की पहल, गिलानी से की मुलाकात
Last Updated 25 Oct 2016 04:26:42 PM IST
कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से यशवंत सिन्हा के नेतृत्व वाले एक शिष्टमंडल के मुलाकात से दूरी बनाते हुए भाजपा ने कहा कि पार्टी का इससे कुछ लेनादेना नहीं है.
यशवंत सिन्हा |
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘‘यह भाजपा का शिष्टमंडल नहीं है. भाजना का इससे कुछ भी लेनादेना नहीं है.’’
घाटी में अशांत स्थिति जारी रहने के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने मंगलवार को गिलानी से मुलाकात की.
शर्मा ने कहा कि मीडिया के एक वर्ग में ऐसी खबरें आई कि यह भाजपा का शिष्टमंडल था जो पूरी तरह से गलत है. सिन्हा ने भी कहा है कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर यह पहल की थी.
इसके पहले कश्मीर घाटी में तीन महीने से ज्यादा समय से जारी अशांति के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में पांच सदस्यीय दल अलगाववादी नेताओं से बातचीत और गतिरोध तोड़ने के लिए श्रीनगर पहुंचा.
इस दल में जम्मू एवं कश्मीर में सेवा दे चुके पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला, पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक, पत्रकार भारत भूषण और कार्यकर्ता सुशोभा बर्वे शामिल हैं. ये अलगाववादी नेताओं से मिलेंगे.
सिन्हा ने कहा कि वे मंगलवार से दौरा शुरू कर रहे हैं. उनकी और दूसरे लोगों की मंशा घाटी में सभी लोगों से मुलाकात करने की है.
उन्होंने कहा, "हम मानवता के लिए यहां आए हैं. हमारा उद्देश्य कश्मीर के लोगों की शिकायतों और दर्द को साझा करना है."
सिन्हा ने कहा कि उन्होंने घाटी में कई लोगों से मुलाकात का अनुरोध किया है, लेकिन विस्तृत जानकारी नहीं दे सकते.
अलगाववादी समूहों से ताजा बातचीत की शुरुआत घाटी में करीब 108 दिनों की अशांति के बाद हुई है. हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के आठ जुलाई को मारे जाने के बाद घाटी में हिंसा भड़क उठी. तब से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा है.
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