वरुण गांधी ने आरोपों को 'झूठा, बेबुनियाद' बताया

Last Updated 22 Oct 2016 06:28:41 PM IST

भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने शनिवार को उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि रक्षा बिचौलिया अभिषेक वर्मा से उनके संबंध थे और उन्होंने रक्षा संबंधी संवेदनशील सूचनाएं लीक की थी.


भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी (फाइल फोटो)

वरुण गांधी ने देशवासियों के नाम संबोधित एक विस्तृत बयान में कहा, "मैं उन झूठे व मनगढंत आरोपों, तथा इन आरोपों की असंभावना की ओर आप लोगों के ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा."

वरुण ने कहा कि वह साल 2009 से ही रक्षा मंत्रालय की स्थायी समिति व रक्षा सलाहकार समिति के सदस्य हैं, लेकिन उन्होंने रक्षा सलाहकार समिति की एक भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया, जबकि रक्षा स्थायी समिति की कुछ ही बैठकों में हिस्सा लिया.

उन्होंने कहा, "स्पष्ट तौर पर कहूं तो मैंने न तो सक्रियता पूर्वक सूचनाएं तलाशीं और न ही उन्हें लीक की. पत्र के पीछे कोई छिपा एजेंडा हो सकता है या किसी के कहने पर ऐसे आरोप लगाए जा सकते हैं."

वरुण ने यह भी स्पष्ट किया कि पहली बार विपक्ष का सांसद होने के नाते उन्होंने किसी भी संवेदनशील रक्षा सूचना तक अपनी पहुंच नहीं बनाई. उन्होंने कहा, "इसलिए सूचनाएं लीक करने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता."

उन्होंने कहा कि मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कई वर्षो तक व्यापक तौर पर जांच की है, जिसके आधार पर आरोप पत्र दाखिल किया गया.

वरुण ने बयान में कहा, "किसी भी कार्रवाई में न तो मेरा नाम सामने आया और न ही मामले में मेरी संलिप्तता का कोई प्रमाण सामने आया. शीर्ष जांच एजेंसियों के पास मामले में मेरी संलिप्तता को लेकर अगर अदना-सा सबूत भी होता, तो वह अब तक जरूर सामने आता."



भाजपा नेता ने कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे, जिन्होंने उनकी छवि को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है.

उन्होंने कहा, "इस झूठ से मेरा परिवार और मैं बुरी तरह आहत हुए हैं. मैं उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहा हूं, जिन्होंने जानबूझकर मेरी छवि खराब करने की कोशिश की है."

स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण ने अमेरिका के एक वकील एडमंड्स एलन द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे एक पत्र को गुरुवार को जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि रक्षा विचौलिया अभिषेक वर्मा के हनी ट्रैप में फंसकर वरुण गांधी ने गोपनीय सूचनाएं लीक की.

वरुण ने कहा, "मैं कभी एडमंड्स एलेन से नहीं मिला, जिन्होंने अपने पत्र में आरोप लगाए हैं. मैं तो यह भी नहीं जानता कि वह कौन हैं और क्या करते हैं. मीडिया में आई जानकारी के आधार पर ही मैंने यह जाना कि वह अभिषेक वर्मा के पूर्व सहयोगी हैं."

उन्होंने कहा, "मैं अभिषेक वर्मा से पहली बार इंग्लैंड में तब मिला, जब मैं वहां कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था. उसने खुद को दिवंगत वीना एवं श्रीकांत वर्मा का बेटा बताया था. दोनों ही भारतीय सांसद थे और प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते थे. हम बहुत कम मिले."

सांसद ने कहा, "हमें अंतिम बार मिले हुए काफी साल हो गए. किसी भी काम को लेकर हमारे बीच बातचीत का कोई औचित्य ही नहीं बनता. न तो उसने मुझसे बात की और न ही मैंने."

वरुण ने कहा कि मीडिया रपट के मुताबिक, एलन व वर्मा साथ मिलकर कोई धंधा करते थे और बाद में संबंधों में कड़वाहट आने के बाद दोनों अलग हो गए.

उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि खफा एलन अपने तत्कालीन सहयोगी के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर अधिक से अधिक प्रचार बटोर रहे हैं. इसलिए वह अपनी शिकायतों पर लोगों का ज्यादा से ज्यादा ध्यान आकर्षित करने के लिए मेरे जैसे लोकप्रिय शख्स का नाम ले रहे हैं."

वरुण ने कहा, "मुझे एक ऐसे विवाद में अनावश्यक रूप से घसीटा गया, जिसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है."

आईएएनएस


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