गंदगी का समाधान है, स्वच्छता को स्वभाव बना लें: मोदी

Last Updated 30 Sep 2016 11:29:53 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अगर हम देशवासी तय कर लें कि गंदगी नहीं करनी है तो बिना बजट के भी स्वच्छता कायम हो जाएगी. गंदगी का समाधान है कि हम स्वच्छता को स्वभाव बना लें.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

विज्ञान भवन में शुक्रवार को भारत स्वच्छता समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, स्वच्छ भारत अभियान ने बहुत कम समय में लोगों के बीच अपनी जड़ें जमाई हैं.

उन्होंने इस अभियान को सफल बनाने में बच्चों की भूमिका का जिक्र करते हए कहा कि स्वच्छता के मामले में बच्चे बड़ों से ज्यादा जागरूक हैं. वह अपने बड़ों को गंदगी फैलान से रोकते-टोकते हैं. हमें उनसे सीखने की जरूरत है. 

उन्होंने कहा कि घर में शौचालय होना सामाजिक स्तर से जुड़ता जा रहा है जोकि एक अच्छा संकेत है.

इस दौरान उन्होंने मीडिया की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वच्छता अभियान को मीडिया ने सपोर्ट किया. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान से लोगों में स्पर्धा का माहौल पैदा हुआ है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि गंदगी किसी को भी पसंद नहीं होती फिर भी हम इससे दूरी क्यों नहीं बना पाते. 

उन्होंने कहा, 'हम अपने घरों में तो सफाई रखते हैं लेकिन सार्वजनिक जगहों पर गंदगी फैलाने में पीछे नहीं रहते. लेकिन जिस दिन हम यह समझ लेंगे कि देश भी हमारा है, सरकार भी हमारी है और सरकारी सम्पत्ति भी हमारी है, उस दिन चीजें बदल जाएंगी.'

मोदी ने कहा, 'अगर हम देशवासी तय कर लें कि गंदगी नहीं करनी है तो बिना बजट के भी स्वच्छता कायम हो जाएगी. गंदगी का समाधान है कि हम स्वच्छता को स्वभाव बना लें.'

उन्होंने कहा कि जैसे सत्याग्रही देश को गुलामी से आजाद कराता है, वैसे ही स्वच्छाग्रही देश को गंदगी से आजाद कराता है.

भारत स्वच्छता सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री नरेन्द्र तोमर, शहरी विकास राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह तथा पेयजल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री रमेश चिनप्पा जिगजिनागी भी मौजूद थे.

उद्घाटन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी हिस्सा लिया. बाद में सभी नेताओं ने स्वच्छता घोषणा पा पर हस्ताक्षर किए. इससे पहले मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान में उल्लेखनीय योगदान करने वाली संस्थाओं, व्यक्तियों और स्थलों को पुरस्कृत किया. 

मोदी ने कहा कि स्वच्छता की बात करना और इसे जनता के बीच ले जाना बहुत हिम्मत का काम है लेकिन आम जनता ने इसे स्वीकार किया है और जागरुकता आ रही है. लोगों ने साफ-सफाई और स्वच्छता के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है. उन्होंने सुझाव दिया कि दूरदर्शन पर स्वच्छता संबंधी समाचार होने चाहिए. इससे लोगों में जागरुकता आएगी और इसका महत्व बढ़ेगा. इसके अलावा राज्य स्तर पर स्वच्छता की प्रतिस्पर्धा आयोजित की जानी चाहिए. इससे स्थानीय निकायों, संस्थाओं और व्यक्तियों में प्रतियोगिता का भाव आएगा.      

उन्होंने कहा कि स्वच्छता से रोजगार उत्पन्न हो सकते हैं. कचरे से धन कमाया जा सकता है. स्थानीय निकायों को इस दिशा में गंभीरता से सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय युवाओं में क्षमता है और उन्हें इस संबंध में नवाचार करना चाहिए. इससे उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे.

नायडू ने स्वच्छता अभियान में योगदान करने वाले और प्रेरित होने वाले लोगों का उदाहरण देते हुए कहा कि ‘स्वच्छ भारत अभियान’ में आम लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए स्थानीय प्रशासन को नयी पहल करनी चाहिए. खुले शौच से मुक्ति का अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है. लोगों की भागीदारी बढ़ने के साथ-साथ जागरुकता भी बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि गुजरात और आंध्रप्रदेश तथा केरल के शहरी क्षेत्र जल्दी ही खुले में शौच से मुक्त होंगे.

तोमर ने कहा कि इस वर्ष दो अक्टूबर तक एक लाख गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया जाएगा.

सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री, निर्वाचित प्रतिनिधि, जिलाधीश, 500 नगरों-शहरों के पालिका आयुक्त, निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि और स्वयंसेवी संगठन शामिल हैं. इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है.

प्रदर्शनी में विभिन्न कार्यों के लिए लगभग 30 तकनीकी उपकरण/मशीनें दिखाई गयी हैं. इनमें जन शौचालय मॉडल, माइक्रोबायोलॉजीकल सफाई प्रणाली का जलरहित पेशाबघर, कम लागत के पोर्टेबल शौचालय ब्लॉक, बायो डाइजेस्टर युक्त जन शौचालय, ऑनसाइट कंपोस्ट बनाने वाले जुड़वा गड्ढा शौचालय, सामुदायिक स्तर पर उपयोग के लिए लघु सीवेज शोधन इकाइयाँ, सैनिट्री नैपकिंन वेंडिंग मशीन, भूमिगत कूड़ादान, बड़े कूड़ादानों से कचरा निकालने के लिए रिक्शा, सीएनजी सफाई मशीन, मेकेनिकल खिंचाव स्वीपर्स, निर्माण के लिए जैविक कचरा कन्वर्टर, खाद्य कचरा कंपोस्टर, घरेलू स्तर पर कंपोस्ट बनाने और साफ-सफाई संबंधी मशीनें शामिल हैं.

समयलाइव डेस्क


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