अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की अपील की
पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने का कड़ा संदेश देते हुए व्हाइट हाउस ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम किए जाने की अपील की.
जोश अन्रेस्ट (फाइल फोटो) |
व्हाहट हाउस के प्रेस सचिव जोश अन्रेस्ट ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं आपको यह बता सकता हूं कि हमने क्षेत्र से मिली कुछ रिपोर्ट देखी हैं. इन रिपोटरें में यह रिपोर्ट भी शामिल है कि भारत और पाकिस्तान की सेनाएं एक दूसरे के संपर्क में हैं और हम तनाव कम करने के लिए भारत एवं पाकिस्तान के बीच जारी वार्ता को प्रोत्साहित करते हैं’.
अन्रेस्ट ने कहा कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसान राइस ने गुरूवार को अपने भारतीय समकक्ष अजित डोभाल से बात की और कहा कि अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित किए गए लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद समेत आतंकवादी संगठनों से निपटे और उनकी वैधता खत्म करे.
उन्होंने कहा, ‘राजदूत सुसान ने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका क्षेत्र में सीमा पार से आतंकवाद के खतरे को लेकर चिंतित है. अमेरिका पूरी उम्मीद करता है कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों से निपटने और उन्हें अवैध घोषित करने के लिए प्रभावशाली कार्रवाई करेगा’.
अन्रेस्ट ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ साझेदारी और आतंकवाद से निपटने के उनके साझे प्रयासों को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए सहयोग को और गहरा करने के लिए तैयार हैं.
प्रेस सचिव ने कहा कि साथ ही, अमेरिका पाकिस्तान के साथ निकट संपर्क बनाए हुए है और सुरक्षा समेत विभिन्न मुद्दों पर उन्होंने जो महत्वपूर्ण साझेदारी की है, उसकी महत्ता को समझता है.
इस बीच विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने तनाव कम करने की अपील की.
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अधिकारी ने कहा, ‘हम दोनों ओर शांति एवं संयम की अपील करते हैं’.
उन्होंने कहा, ‘हम समझते हैं कि भारत और पाकिस्तान की सेनाएं संपर्क में रहीं हैं और हमारा मानना है कि तनाव कम करने के लिए जारी संवाद आवश्यक है’.
अमेरिका ने उरी में हालिया हमले समेत सीमा पार की आतंकवादी गतिविधियों से क्षेत्र को पैदा हो रहे खतरे पर अपनी चिंता बार बार व्यक्त की है.
अधिकारी ने कहा, ‘हम लश्कर ए तैयबा, हक्कानी नेटवर्क एवं जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों से निपटने एवं उनकी वैधता समाप्त करने के लिए कदम उठाने की अपील करते है
भारत ने उरी हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को दोषी ठहराया है. उरी आतंकी हमले के बाद बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में भारत ने ‘सीमा पार’ से बढ़ते आतंकी हमलों का हवाला देते हुये दक्षेस शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने की भी मंगलवार को घोषणा की थी.
इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान स्थित एक अन्य आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा पर वर्ष 2001 में हुए संसद हमले और 2008 में हुए मुंबई हमलों समेत भारतीय सेना और नागरिकों को निशाना बनाने के आरोप लगाये हैं.
भारत चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाये.
वर्ष 2008 में हुये मुंबई आतंकी हमलों में भूमिका के लिए लश्कर-ए-तैयबा के सह संस्थापक और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित किया गया है. इन हमलों में 166 लोगों की मौत हो गयी थी, जिसमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे.
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