सिंधु जल संधि रद्द करने पर PDP ने जताया कड़ा विरोध

Last Updated 28 Sep 2016 09:28:47 AM IST

सिंधु जल संधि रद्द करने के विकल्प पर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कड़ा विरोध किया है.


नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

सिंधु जल संधि रद्द करने के विकल्प पर पीडीपी ने पाकिस्तान से सिंधु जल संधि रद्द करने या इसमें बदलाव करने का कड़ा विरोध किया है.

चर्चा है कि भारत पाकिस्तान से इस संधि को रद्द कर सकता है.

वही पीडीपी के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा कि इस संधि के किसी भी उल्लंघन का भारत को भी पाकिस्तान जितना ही नुकसान होगा.

उनका कहना था कि पाकिस्तान के लिए पानी का प्रवाह सीमित करने के लिए नए बांध बनाने की केंद्र सरकार की योजना से कश्मीर घाटी के डूबने और एक झील में तब्दील होने का जोखिम है.

हुसैन बेग ने ईटी से कहा कि मुझे उम्मीद है कि सिंधु जल संधि को रद्द करने या इसके उल्लंघन की बात केवल एक गर्म गुब्बारे की तरह है और यह उरी हमले के बाद भारत का जायज गुस्सा दिखाती है.

संधि भारत और पाकिस्तान के लिए समान है क्योंकि तीन नदियां भारत में बहती हैं और अन्य तीन पाकिस्तान में. अगर संधि को रद्द किया जाता है तो इससे भारत को भी पाकिस्तान जितना ही नुकसान होगा.

उन्होंने पाकिस्तान को पानी का प्रवाह सीमित करने के लिए अधिक बांध बनाने की केंद्र सरकार की योजना पर भी आशंका जताई. उनका कहना है कि संधि को रद्द करने को लेकर बहुत सी मुश्किलें हैं और अधिक बांध बनाने का विचार ठीक नहीं है. इसके लिए बहुत बड़े बांधों की जरूरत होगी और अगर वे बनाए जाते हैं तो उसके बाद भी कश्मीर घाटी के डूबने और एक झील में बदलने का जोखिम रहेगा.

बेग ने कहा कि सिंधु परियोजना को वर्ल्ड बैंक ने शुरू किया था और भारत के लिए इसे बरकरार रखना महत्वपूर्ण है. ऐसा न करने पर भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि पर असर पड़ेगा.

पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह और संयुक्त राष्ट्र में पूर्व राजनयिक शशि थरूर ने भी सिंधु जल संधि में किसी तरह का बदलाव करने का विरोध किया है. सिंह और थरूर ने कहा कि इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है. 

वही पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन के दर्जे पर पुनर्विचार करने को लेकर एक बैठक बुलाई है. 29 सितम्बर को बुलाई गई इस बैठक में विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के अफसर हिस्सा लेंगे.

उरी में सेना के बेस कैम्प पर हुए आंतकवादी हमले और 18 जवानों की शहदल ते बाद सरकार पाकिस्तान के साथ जख्मी से पेश आने का दावा है.

एम.एफ.एन की वजह से पाक को अधिक आयात कोटा और कम ट्रेड टैरिफ मिलता है. भारत ने पाक को 1996 में मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था.



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