पीएम मोदी दक्षेस सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे
भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्लामाबाद में नवंबर में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) |
इस फैसले की घोषणा करते हुए भारत ने मंगलवार रात कहा कि ''एक देश'' ने ऐसा माहौल बना दिया हे जो शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के अनुकूल नहीं है.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''भारत ने दक्षेस के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल को अवगत करा दिया है कि क्षेत्र में सीमा पार से आतंकवादी हमलों में वृद्धि और एक देश द्वारा सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में बढ़ते हस्तक्षेप ने ऐसा वातावरण बना दिया है जो 19वें दक्षेस सम्मेलन के सफल आयोजन के अनुकूल नहीं है.''
इसमें कहा गया है कि मौजूदा परिदृश्य में भारत सरकार इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में शामिल होने में असमर्थ है. इसमें कहा गया है कि हम यह भी समझते हैं कि दक्षेस के कुछ अन्य सदस्य देशों ने भी नवंबर 2016 में इस्लामाबाद में आयोजित सम्मेलन में शामिल होने को लेकर अपनी असमर्थता जतायी है.
सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान अन्य देश हैं जिन्होंने सम्मेलन में शामिल नहीं होने की बात की है.
नेपाल को भेजे पत्र में भारत ने कहा कि वह क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क के प्रति अपनी दृढ़ता पर कायम है लेकिन उसका मानना है कि ये सब आतंकवाद मुक्त माहौल में ही हो सकता है.
यह घोषणा ऐसे दिन की गयी है जब विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को उरी हमले को लेकर दूसरा डिमाश्रे जारी किया और उन्हें उस आतंकवादी हमले में ''सीमापार स्रोत'' के सबूत दिखाये जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे.
उरी हमले के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और 56 वर्ष पुरानी सिंधु जल संधि की समीक्षा की है. इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान को एकतरफा दिए गए सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) के दर्जे की समीक्षा करने का फैसला किया है.
विदेश सचिव ने बासित को बुलाया और उन्हें बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार उरी घटना में मारे गए एक हमलावर की पहचान हाफिज अहमद के तौर पर हुई है जो फिरोज का पुत्र और मुजफ्फराबाद के धारबंग का निवासी है. जांच में आतंकवादियों के पाकिस्तान स्थित आकाओं का ब्यौरा भी मिला है.
दोनों देश संयुक्त राष्ट्र में वाकयुद्ध में उलझे हुए हैं और भारत ने पाकिस्तान को ''आतंकवादी देश'' तथा आतंकवाद का वैश्विक केंद्र कहा है.
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