मुसलमान वोट मंडी की वस्तु नहीं, उनके साथ हो अपनों जैसा व्यवहार: मोदी

Last Updated 25 Sep 2016 07:38:30 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मुसलमान घृणा के पात्र नहीं हैं और न ही उन्हें वोट मंडी की वस्तु के रूप में देखा जाना चाहिए बल्कि उनके साथ अपनों की तरह से व्यवहार करना चाहिए.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जनसंघ के विचारक दीनदयाल उपाध्याय का हवाला दिया और कहा कि मुस्लिमों को ‘अपना’ माना जाना चाहिए. केरल में मुस्लिमों की अच्छी खासी आबादी है और पार्टी वहां अपना आधार बढ़ाना चाहती है. 
  
केरल के कोझिकोड भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का मिशन ‘सबका साथ, सबका विकास’ कोई राजनीतिक नारा नहीं है बल्कि समाज के अंतिम पायदान पर खडे व्यक्ति का कल्याण सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है. 
    
अपने भाषण में मोदी ने धर्मनिरपेक्षता, संतुलित एवं समावेशी विकास और चुनाव सुधारों की जरूरत के बारे विस्तार से चर्चा की और दीनदयाल उपाध्याय को उनकी जन्मशती पर उन्हें नमन किया. 
    
उन्होंने कहा, ‘‘इन दिनों इसकी परिभाषा को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है. यहां तक कि इन दिनों राष्ट्रवाद को भी कोसा जाता है.’’ 
    
दीन दयाल उपाध्याय के जीवन एवं योगदान का जिक्र करते हुए मोदी ने उनका हवाला देते हुए कहा कि मुसलमानों को न पुरस्कृत करो और न ही फटकारो. उन्हें सशक्त बनाओ. वे न तो वोट मंडी की वस्तु हैं और न ही घृणा के पात्र. उन्हें अपना समझो. 
    
प्रधानमंत्री ने जनसंघ के दिनों के बाद से पार्टी की यात्रा को याद किया और इस बात पर जोर दिया कि हमने विचारधारा के साथ कभी समझौता नहीं किया. 
    
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा विचारधारा से समझौता करती तब काफी पहले सत्ता हासिल कर लेती. 
    
मोदी ने कहा कि कोई भी अछूत नहीं है और अगर कोई मनुष्य आहत होता है तब पूरे समाज को इसकी पीड़ा की अनुभूति होनी चाहिए. 
    
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश के पूर्वी हिस्से का विकास करने के प्रयास में लगी है जो एकात्म मानववाद की विचारधारा से प्रेरित है. ऐसा इसलिए है क्योंकि देश के पश्चिमी हिस्से विकसित हैं जबकि पूर्वी भाग पिछड़ा है. ऐसे में भारत माता कैसे समृद्ध होगी. 
    
गरीबों एवं समाज के वंचित वर्गों के उत्थान और विकास पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सरकार सबका साथ, सबका विकास के प्रति प्रतिबद्ध है और समाज के अंतिम पायदान के लोगों को केंद्र की विकास योजनाओं के केंद्र में होना चाहिए. 
    
उन्होंने कहा, ‘‘देश की समस्याओं का एकमात्र समाधान विकास है. अगर समाज की खाई को पाट दिया जाए तब अंतिम पायदान के लोगों को विकास का लाभ मिल सकता है.’’ 
    
उन्होंने पार्टी नेताओं से अपने आचरण के जरिये उदाहरण पेश करने को कहा, साथ ही कहा कि आजादी के बाद से आम जनों में राजनीतिकों की छवि खराब हो रही है. 
    
मोदी ने कहा, ‘‘अपने आचरण के जरिये उदाहरण पेश करना ही दीन दयाल उपाध्याय को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.’’
    
उन्होंने कहा, ‘‘सभी राजनीतिक दलों में अच्छे लोग हैं, ऐसे लोगों की संख्या भाजपा में ज्यादा है क्योंकि इनकी विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता है.’’
 

 

 चुनाव सुधार पर विचार-विमर्श करने का वक्त आ चुका है: प्रधानमंत्री

 

मोदी ने कहा, ‘‘चुनाव सुधार पर व्यापक विचार-विमर्श का वक्त आ गया है. चुनाव प्रणाली में सुधार पर चर्चा किए जाने की जरूरत है. चुनाव प्रणाली में क्या खामियां हैं, धन की भूमिका क्या है और सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कैसा है...विभिन्न चुनावों के कारण देश कितने तरह के बोझ का सामना करता है. कई राजनीतिक पार्टियों के लोग मुझसे कहते हैं कि चुनाव सुधार को लेकर कुछ किया जाना चाहिए.’’ 
    
उन्होंने कहा कि उपाध्याय की जन्मशती पर इन मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है. 
    
प्रधानमंत्री ने पार्टी के करीब 1700 नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि वे उपाध्याय की जन्मशती पर इस मुद्दे पर संगोष्ठियों का आयोजन करें. उन्होंने कहा, ‘‘मंथन होने दीजिए, इससे अमृत निकल कर आएगा.’’ 
    
भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक के दौरान मुख्य रूप से पार्टी का जोर केरल में अपना प्रभाव बढ़ाने पर रहा. 
    
प्रधानमंत्री ने जनसंघ के दिनों के बाद से पार्टी की यात्रा को याद किया और इस बात पर जोर दिया कि हमने विचारधारा के साथ कभी समझौता नहीं किया. 
    
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा विचारधारा से समझौता करती तब काफी पहले सत्ता हासिल कर लेती. 
    
मोदी ने कहा कि कोई भी अछूत नहीं है और अगर कोई मनुष्य आहत होता है तब पूरे समाज को इसकी पीड़ा की अनुभूति होनी चाहिए. 
    
उन्होंने कहा कि सरकार देश के पूर्वी हिस्से का विकास करने के प्रयास में लगी है जो एकात्म मानववाद की विचारधारा से प्रेरित है. ऐसा इसलिए है क्योंकि देश के पश्चिमी हिस्से विकसित हैं जबकि पूर्वी भाग पिछड़ा है. ऐसे में भारत माता कैसे समृद्ध होगी. 
    
गरीबों एवं समाज के वंचित वर्गों के उत्थान और विकास पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सरकार सबका साथ, सबका विकास के प्रति प्रतिबद्ध है और समाज के अंतिम पायदान के लोगों को केंद्र की विकास योजनाओं के केंद्र में होना चाहिए. 
    
उन्होंने कहा, ‘‘देश की समस्यसाओं का एकमात्र समाधान विकास है. अगर समाज की खाई को पाट दिया जाए तब अंतिम पायदान के लोगों को विकास का लाभ मिल सकता है.’’ 
    
उन्होंने पार्टी नेताओं से अपने आचरण के जरिये उदाहरण पेश करने को कहा, साथ ही कहा कि आजादी के बाद से आम जनों में राजनीतिकों की छवि खराब हो रही है. 
    
मोदी ने कहा, ‘‘अपने आचरण के जरिये उदाहरण पेश करना ही दीन दयाल उपाध्याय को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.’’
    
उन्होंने कहा, ‘‘सभी राजनीतिक दलों में अच्छे लोग हैं, ऐसे लोगों की संख्या भाजपा में ज्यादा है क्योंकि इनकी विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता है.’’

 

भाषा


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