गांधी की हत्या पर पटेल ने की थी संघ की आलोचना
जनता दल यूनाइटेड ने कहा है कि राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल ने संघ और हिंदूसभा की आलोचना की थी .
फाइल फोटो |
जनता दल यूनाइटेड ने कहा है कि राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख सदासिव गोलवलकर और जनसंघ के अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पत्र लिखकर संघ और हिंदूसभा की आलोचना की थी और कहा था इन संगठनों ने समाज में साम्प्रदायिकता का ऐसााहर फैलाया जिसकी वजह से गांधी जी शहीद हुए थे.
पार्टी के प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा कि नाथूराम गोडसे संघ के स्वयंसेवक थे और संघ द्वारा साम्प्रदायिकाहर फ़ैलाने के कारण ही पटेल ने संघ को प्रतिबंधित कर दिया था लेकिन आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मामले में यह भ्रम फ़ैलाने की कोशिश की जा रही है कि संघ या महासभा का इसमें कोई हाथ ही नहीं था.
त्यागी ने कहा कि राहुल गांधी ने अदालत में क्या कहा और उसके बाहर क्या कहा वह इस विवाद में जाना नहीं चाहते क्योंकि यह एक तकनीकी मामला है लेकिन यह तो तथ्य है कि पटेल ने गांधी जी की हत्या के तीन दिन बाद ही 4 फरवरी 1948 को संघ को प्रतिबंधित कर दिया था.
पटेल ने 19 सितम्बर 1948 को सदासिव गोलवलकर को लिखे पत्र में साफ़ लिखा था, हिन्दुओं की मदद करना संगठन के लिये एक बात है पर उनकी मुसीबतों का बदला निहत्थी और लाचार औरतों, बालकों और आदमियों से लेना दूसरी बात है.
इनकी सारी तकरीरें सांप्रदायिक विद्वेष से भरी थीं. हिन्दुओं में जोश पैदा करना और उनकी रक्षा करने के लिए यह आवश्यक नहीं था कि ऐसा ाहर फैलाया जाये. उसाहर का फल अंत में यही हुआ कि गांधी जी की बेशकीमती कुर्बानी देश को सहनी पड़ी.
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