केंद्र के गरीब समर्थक एजेंडे को प्रभावी तरीके से लागू करें-अमित शाह

Last Updated 27 Aug 2016 05:38:55 PM IST

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे अपने राज्यों को केंद्र के गरीब समर्थक और सुशासन के एजेंडे के क्रियान्वयन में प्रभावी माध्यम बनाएं.




भाजपा अध्यक्ष अमित शाह
    
अमित शाह ने कहा कि पार्टी देश के 51 फीसदी से अधिक भूभाग और 37 फीसदी आबादी पर राज करती है तो ऐसे में राज्य मोदी सरकार की कल्याणकारी नीतियों की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे क्योंकि वे केंद्र द्वारा शुरू की गयी ऐसी 80 में से 65 योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं.
    
पार्टी के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों और सभी प्रदेश अध्यक्षों के एक दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र में शाह ने उपरोक्त बात कही.
    
पार्टी के मई, 2014 में केन्द्र की सत्ता में आने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है. इस बैठक से कुछ ही पहले शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य इकाइयों की कोर समिति की बैठक में पार्टी के ‘‘गरीब-हितैषी और सुशासन’’ का एजेंडा रखा था.
    
ऐसे वक्त में जब पार्टी दलितों और अल्पसंख्यकों के मुद्दे को लेकर विपक्ष के निशाने पर है, उसका मानना है कि कल्याणकारी योजनाओं, विशेष रूप से गरीबों के लिए, पर खास ध्यान देने से वह राजनीतिक दिक्कतों से बचेगी और कमजोर तबके तक पहुंच सकेगी.
    
शाह ने कहा, ‘‘भाजपा ने देश में काम काज की राजनीति का अध्याय शुरू किया है. भाजपा की प्रदेश सरकारें सिर्फ अपने काम काज के आधार पर बार-बार चुनी गयीं हैं.. यह केन्द्र और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि हम साथ मिलकर गरीबों के लिए कल्याणकारी राज्य बनाएं और आम जनता के जीवन को बदलें.’’
    
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमित शाह ने केन्द्र की नीतियों के प्रभावी कियान्यवयन की बात कही.
    
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों ने अपने कार्यों का प्रेजेंटेशन दिया और बताया कि वे आगे और क्या करना चाहते हैं. खास तौर से कृषि, महिला सशक्तिकरण और रोजगार के क्षेत्र में उनकी क्या योजनाएं हैं.
    
उन्होंने कहा कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं. वरिष्ठ मंत्रियों ने उनका प्रतिनिधित्व किया.
    
यह पूछने पर कि क्या उत्तर प्रदेश चुनाव के बारे में भी बैठक में चर्चा हुई, फडणवीस ने कहा कि बैठक का एजेंडा शासन था, राजनीति नहीं.
    
मुख्यमंत्रियों की बैठक छह भागों में बांटी गयी थी. उद्घाटन सत्र, गरीबों के लिए कल्याणकारी एजेंडा, ऐसी सफल योजनाएं जिन्हें अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है पर मुख्यमंत्रियों का प्रेजेंटेशन, सोशल मीडिया पर भाजपा सरकारों की उपस्थिति, चुनौतियां और उनसे निपटने के तरीके तथा और समापन समारोह.
 



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