कश्मीर में प्रदर्शनकारियों पर पैलेट गन की जगह दागे जाएंगे मिर्च वाले ‘पावा गोले’!
कश्मीर में छर्रे वाली बंदूकों का विकल्प खोजने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने क्षमतावान और नव-विकसित ‘पावा गोलों’ को इसके लिए उपयुक्त पाया है.
मिर्च के गोले ले सकते हैं पैलेट गन की जगह (फाइल फोटो) |
मिर्च आधारित यह कम घातक हथियार निशाने को अस्थाई रूप से अक्षम बना देता है और वे कुछ मिनट के लिए जड़ हो जाते हैं. ‘पावा’ का पूरा नाम पेलऑर्गेनिक एसिड वैनिलिल एमिदे है और इसे नोनिवामिदे के नाम से भी जाना जाता है.
यह एक ऑर्गेनिक यौगिक है जो प्राकृतिक रूप से मिर्च में पाया जाता है.
समिति ने इस सप्ताह के आरंभ में राष्ट्रीय राजधानी में इन गोलों का प्रदर्शन देखा और कश्मीर घाटी में प्रदर्शन जैसी स्थिति तथा भीड़ नियंत्रण के लिए सुरक्षा बलों को छर्रे वाली बंदूकों के स्थान पर इसके प्रयोग की हामी भर दी.
छर्रे वाली बंदूकों के प्रयोग के कारण घाटी में कई लोग घायल हो गए हैं और अंधेपन के शिकार हो गए हैं, इसके कारण भारी आलोचना हो रही है.
इस संबंध में तैयार किए गए ब्लू-प्रिंट और दस्तावेजों के अनुसार, लखनऊ स्थित सीएसआईआर की प्रयोगशाला भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान में ‘पावा गोलों’ का परीक्षण एक वर्ष से ज्यादा समय से चल रहा है.
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