सरकार को दही हांडी उत्सव पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट देना चाहिए: शिवसेना
महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सवों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पृष्ठभूमि में शिवसेना ने गुरुवार को कहा है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए एक अध्यादेश लाना चाहिए.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो) |
शिवसेना ने कहा कि पुलिस अब अपराधियों को पकड़ने के अपने तय काम को करने के बजाय सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन कराने के लिए एक जगह से दूसरी जगह तक घूमती रहेगी और मानव पिरामिड की ऊंचाई और ‘गोविंदाओं’ (ऐसे युवक जो दही से भरे मटके को फोड़ने के लिए मानवीय पिरामिड बनाते हैं) की उम्र पर नजर रखेगी.
भाजपा की सहयोगी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा है, ‘‘परंपरागत तरीके से उत्सव मनाने का समर्थन करने वाले राजनेता अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने में जुट गये हैं और लोगों से अनुशासन बनाए रखने और बनाए गये दिशा-निर्देशों का पालन करने को कह रहे हैं. यह संभव नहीं है कि सरकार अदालत के आदेश को लेकर मन में गुस्सा उमड़ने के बावजूद उसे पलटने के लिए एक अध्यादेश ला सके.’’
इसमें कहा गया है कि, ‘‘हालांकि, सरकार ने आज अवकाश की घोषणा की है, लेकिन यदि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए कुछ किया होता तो लोगों को ज्यादा खुशी होती.’’
शिवसेना ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस पर काम का बोझ बढ़ा दिया है क्योंकि उसे यह सुनिश्चित करने के लिए दही हांडी उत्सव पर अब कड़ी निगरानी रखनी पड़ेगी कि उसके इस आदेश का कोई उल्लंघन न हो.
मुखपत्र में कहा गया है, ‘‘अब यह सही होगा कि आतंकवादी, अपराधी, चोर स्वतंत्र होकर घूमें और पुलिस गोविंदाओं पर नजर रखे. कोई त्यौहार मनाना अब देश में एक अपराध हो गया है.’’
सुप्रीम कोर्ट ने जन्माष्टमी त्यौहार पर मनाये जाने वाले दही हांडी उत्सव में 18 साल से कम उम्र के लोगों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हाई कोर्ट के उस आदेश को भी बरकरार रखा है जिसमें मानव पिरामिड की अधिकतम ऊंचाई 20 फुट तय कर दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राजनीतिक दलों और दही हांडी के आयोजकों ने कड़ी प्रतिक्रि या व्यक्त की है.
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