पठानकोट हमला: अमेरिका ने दिए अहम सबूत, पाकिस्तान हुआ बेनकाब

Last Updated 30 Jul 2016 10:18:26 AM IST

पठानकोट एयरबेस आतंकी हमला मामले में अमेरिका ने भारत को पाकिस्तान के खिलाफ अहम सबूत दिए हैं.


पठानकोट हमला: अमेरिका ने खोली पाक की पोल (फाइल फोटो)

अमेरिका ने भारत की जांच एजेंसी एनआईए को एक हजार पन्नों का सबूत सौंपा है. इसमें आतंकवादियों की बातचीत का खुलासा किया गया है.

इस सबूतों के आधार पर माना जा रहा है कि जिस तरह 2008 में हुए मुम्बई हमले की साजिश कराची में बैठे लश्कर आकाओं ने एक सुरक्षित घर में की थी. उसी तरह पठानकोट पर आतंकी हमले की योजना भी पाकिस्तान में ही बनी.

जैश-ए मोहम्मद के चार फिदायीन आतंकी जिनकी पहचान पंजाब के नासिर हुसैन, गुजरांवाला के अबू बकर और सिंध के उमर फारूक और अब्दुल कयूम के रूप में हुई थी. पठानकोट हमले के दौरान ये चारों आतंकी 80 घंटे तक पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के साथ लगातर संपर्क में थे.

जांच से पता चला है कि पंजाब पुलिस एसपी सलविंदर सिंह के अपहरण से पहले काशिफ जान हमलावरों से जुड़े रहने के लिए एक ही नंबर से व्हाट्सएप्प और अन्य सोशल मीडिया  प्लेटफार्मों पर चैट करने के आलावा एक फेसबुक अकाउंट का भी इस्तेमाल कर रहा था.

इसके साथ ही आतंकियों ने पाकिस्तान में एक और मुल्ला दादुल्लाह नाम के फेसबुक अकाउंट से जुड़े नंबर से संपर्क बनाया हुआ था. यह अकाउंट भी काशिफ जान ही चला रहा था. जांच में उस नंबर का आईपी एड्रेस पाकिस्तान (टेलीनॉर एंड टेलीनॉर पाकिस्तान कम्यूनिकेशंस कंपनी लिमिटेड, इस्लामाबाद) पता चला है. ये फेसबुक पेज जिहादी मैसेज और वीडियो से भरे हुए हैं.

आतंकियों ने जैश के वित्तीय शाखा अल रहमत ट्रस्ट से भी संपर्क किया था. फिलहाल इसकी तकनीकी जानकारी अमेरिका से मांगी गई है.  

एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार एनआईए ने अमेरिका द्वारा दी गई जानकारी, सोशल मीडिया अकाउंट और चैट की जांच करना शुरू कर दिया है. फिलहाल जांच और सुरक्षा के लिहाज से भारत और पाकिस्तान में आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों का खुलासा नहीं किया गया है. फिलहाल इससे संबंधित कई तकनीकी जानकारियां अमेरिका से मांगी गई हैं.  

एमएलएटी (पारस्परिक कानूनी सहायता संधि) के माध्यम से अमेरिका द्वारा दिए गए सबूत पठानकोट हमले में भारत के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं.

वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह 3 अगस्त को सार्क सम्मलेन के लिए इस्लामाबाद जाने वाले हैं. यह सबूत इस मामले में भारत को मजबूत कर सकते हैं. यह सबूत भारत में द्वारा दायर याचिका को सही ठहरा सकती है और सयुंक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के हिसाब से मसूद अजहर को एक आतंकवादी के रूप में साबित कर सकती है. 

 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment