इंडोनेशिया ड्रग मामलाः भारतीय नागरिक गुरदीप सिंह को नहीं दी गयी मौत की सजा : सुषमा स्वराज
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कहा कि इंडोनेशिया में मादक पदार्थ मामले में भारतीय नागरिक गुरदीप सिंह को मौत की सजा नहीं दी गयी है जिसे बीती रात मौत की सजा दी जानी थी.
फाइल फोटो |
सुषमा ने ट्वीट किया, ‘इंडोनेशिया में भारतीय राजदूत ने मुझे सूचना दी है कि गुरदीप सिंह को मौत की सजा नहीं दी गई है जिसकी मौत की सजा बीती रात के लिए तय थी.’
Indian Ambassador in Indonesia has informed me that Gurdip Singh whose execution was fixed for last night, has not been executed.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 29, 2016
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि भारतीय नागरिक को मौत की सजा क्यों नहीं दी गयी जबकि चार अन्य दोषियों को ‘फायरिंग स्क्वाड’ ने मौत की सजा दे दी.
48 वर्षीय सिंह का नाम उन 10 दोषियों की सूची में था जिन्हें मौत की सजा दी जानी थी, लेकिन मौत की सजा नहीं दी गई.
इंडोनेशिया की एक अदालत ने उसे 300 ग्राम हेरोइन तस्करी करने के प्रयास का दोषी पाया था और उसे 2005 में मौत की सजा सुनायी थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरूवार को कहा था कि जकार्ता में भारतीय दूतावास के अधिकारी इस मुद्दे को लेकर इंडोनेशियाई विदेश विभाग और देश के शीर्ष नेताओं तक पहुंच रहे हैं.
सुषमा ने कहा था कि सरकार सिंह को बचाने के लिए अंतिम क्षण का प्रयास कर रही है.
गुरदीप ने पत्नी से कहा था, ‘मेरा शव स्वदेश मंगवा लेना’
जालंधर जिले के नकोदर इलाके में रहने वाली कुलविंदर कौर ने रूंधे गले से बताया, ‘भारतीय दूतावास के अधिकारी का गुरूवार को फिर मेरे पास फोन आया था. इस बार आवाज मेरे पति की थी और उन्होंने मुझे कहा कि आज रात उन्हें गोली मार दी जाएगी और मैं उनका शव यहां मंगवा लूं.’
गुरदीप (48) के साथ हुई बातचीत का हवाला देते हुए कहा कुलविंदर ने बताया, ‘मैं यहां ठीक हूं गुरूवार रात मुझे गोली मार दी जाएगी मैं नहीं चाहता कि यहां रहूं इसलिए मेरा शव वहीं मंगवा लेना’
बाद में गुरदीप के हवाले से उसके भांजे गुरपाल ने बताया, ‘यहां गोली मारे जाने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है. ताबूत आदि भी मंगवा लिए गए हैं. सूचना मिली है कि मौलवी, पादरी और पुजारी को भी बुलाया गया है. आज (गुरूवार) रात मुझे गाली मार दी जाएगी.’
परिवार पिछले 12 साल से इसी इंतजार में है कि गुरदीप को वहां की हुकूमत रिहा कर दे और वापस भारत भेज दे.
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