ट्रेनों को टकराने से रोकने की प्रणाली का परीक्षण

Last Updated 28 Jul 2016 05:33:55 PM IST

रेलवे ने ट्रेनों को टकराने से रोकने की प्रणाली (टीसीएएस) का सकिंदराबाद मंडल के 250 किलोमीटर लंबे लिंगमपल्ली-बिडार खंड पर परीक्षण किया.


ट्रेनों को टकराने से रोकने की प्रणाली का परीक्षण (फाइल फोटो)

इस  प्रणाली से ट्रेन के इंजन के भीतर चालक को चेतावनी मिल जाएगी.

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रिसर्च डिजाइंस एंड स्टैंर्डड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) भारतीय विक्रेताओं के सहयोग से इसे देश में ही विकसित कर रही है. इसका उद्देश्य सिग्नल को नजरअंदाज करने वाले चालक की गलती के कारण या अत्यधिक रफ्तार के कारण होने वाले ट्रेन हादसों को रोकना है.

इसके अलावा यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम टेक्नोलॉजी पर आधारित ट्रेन प्रोटेक्शन एंड वार्निंग सिस्टम (टीपीएसडब्ल्यू) का भी कुछ खंडों पर परीक्षण किया गया है.
   
50 किलोमीटर लंबे चेन्नई-गुम्मीदिपुंडी उपनगरीय खंड और 200 किलोमीटर लंबे निजामुद्दीन-आगरा खंड पर टीपीडब्ल्यूएस का परीक्षण किया जा रहा है.

दिल्ली-आगरा खंड पर 160 किलोमीटर की अधिकतम रफ्तार से चलने वाली गतिमान एक्सप्रेस में टीपीडब्ल्यूएस लगाया गया है.

कोलकाता मेट्रो का 25 किलोमीटर लंबा दम दम-कावी सुभाष खंड भी टीपीडब्ल्यूएस से लैस है.

सुरक्षा सुनिश्चित करने की खातिर लोको पायलट को सतर्क करने के लिए सभी इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस (वीसीडी) से लैस हैं.

 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment