प्रख्यात लेखिका महाश्वेता देवी नहीं रहीं
प्रख्यात लेखिका और समाज के दबे कुचले और वंचित वर्गों की पैरोकार महाश्वेता देवी का गुरुवार को निधन हो गया. वह 91 वर्ष की थीं.
प्रख्यात लेखिका महाश्वेता देवी नहीं रहीं (फाइल फोटो) |
उन्हें गत 22 मई को कोलकाता के बेल व्यू नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. नर्सिंग होम के सीईओ पी टंडन ने बताया कि उनके शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और आज दिल का दौरा पड़ने के बाद अपराह्न 3 बजकर 16 मिनट पर उनका निधन हो गया.
टंडन ने कहा, ''उनकी हालत अपराह्न 3 बजे बिगड़ने लगी. हमने हरसंभव कोशिश की लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई और 3.16 बजे उनका निधन हो गया.''
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि देश ने एक महान लेखक खो दिया.
ममता ने ट्वीट किया, ''भारत ने एक महान लेखक खो दिया. बंगाल ने एक ममतामयी मां खो दी. मैंने अपनी एक मार्गदर्शक गंवाई. महाश्वेता दी को शांति मिले.''
साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ पुरस्कारों से सम्मानित महाश्वेता देवी ने आदिवासियों और ग्रामीण क्षेत्र के वंचितों को एकजुट करने में मदद की ताकि वह अपने इलाकों में विकास गतिविधियां चला सकें.
उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए बहुत सी सोसायटियां बनाईं.
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