आधार कार्ड अनिवार्य बनाने के खिलाफ विपक्ष का राज्यसभा में हंगामा

Last Updated 28 Jul 2016 01:27:35 PM IST

राज्ययसभा में गुरुवार को विपक्ष ने सब्सिडी वाली एलपीजी, पीडीएस आपूर्ति, पेंशन आदि सरकारी फायदे लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाए जाने का विरोध करते हुए भारी हंगामा किया.


(फाइल फोटो)

इसक चलते दो बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजकर 25 मिनट पर बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

विपक्षी तृणमूल कांग्रेस, बीजद एवं सपा ने इस मुद्दे पर कार्यस्थगन नोटिस दिया था. इस मुद्दे का कांग्रेस एवं वाम दलों ने भी समर्थन किया.

इस मुद्दे पर सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण दिया गया कि नागरिकों को जारी किया गया विशिष्ट पहचान संख्या या आधार कार्ड सरकारी लाभ उठाने के लिए अनिवार्य नहीं है तथा इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये हैं. किन्तु विपक्षी सदस्य इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गये.

गुरुवार सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर सपा के नरेश अग्रवाल, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन एवं बीजद के दिलीप तिर्की ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है.

इस पर उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि उनके नोटिस को स्वीकार नहीं किया गया है.

सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि केन्द्र ने राज्य सरकारों को यह दिशानिर्देश जारी किया है कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं हो उन्हें राशन कार्ड लाभ, पेंशन एवं सब्सिडी वाली रसोई गैस देना बंद किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि चूंकि देश की 40 प्रतिशत आबादी के पास आधार कार्ड नहीं है इसलिए इस कदम से गरीबों पर विपरीत असर पड़ रहा है.

डेरेक ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार सहकारी संघवाद की बात करती है किन्तु राज्यों से विचार विमर्श किये बिना निर्णय करती है. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड को अनिवार्य बनाये जाने से देश भर में असर पड़ेगा.

बीजद के दिलीप तिर्की ने कहा कि ओड़िशा की 20 प्रतिशत आबादी के पास आधार कार्ड नहीं है. इसलिए केन्द्र के निर्देश से केवल गरीबों के लिए समस्या होगी.

इन चिंताओं का जवाब देते हुए शहरी विकास तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि संसद में पारित कानून के अनुसार सरकारी लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सरकार ने सदस्यों द्वारा उठायी गयी चिंता का संज्ञान लिया है. ‘यह (आधार कार्ड) अनिवार्य नहीं है. यदि आवश्यकता पड़ी तो आवश्यक निर्देश जारी किये जाएंगे.’

सरकारी लाभ को सीधे उपयोगकर्ता तक पहुंचाने की योजना प्रत्यक्ष नकदी अंतरण को पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने शुरू किया था. उन्होंने कहा कि यह योजना आज की आवश्यकता है. ‘मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि यथाशीघ्र आवश्यक स्पष्टीकरण जारी हो सकें.’

उन्होंने कहा कि इसकी मदद से भ्रष्टाचार, बिचौलियों एवं लीकेज को रोकने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा कि आधार को तब तक अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा जब तक कि पूरी आबादी को इस प्रकार के कार्ड या संख्या नहीं मिल जाती.

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है उन्हें अगले तीन माह के भीतर इसे लेने को कहा गया है. उनकी रसोई गैस सब्सिडी को अलग रखा जाएगा. ‘इसे काटा नहीं जाएगा.’

उन्होंने कहा कि 85 प्रतिशत आबादी को आधार कार्ड मिल गया है तथा इसकी उपलब्धता को अब राज्य सरकारों के प्रयासों से आगे बढ़ाया जा सकता है.



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