सॉफ्टेवयर की मदद से होगी लापता विमान की तलाश
वायुसेना के लापता विमान एएन 32 की तलाश के लिए वैज्ञानिकों ने एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है जिसकी मदद से विमान के मलबे तथा उसमें सवार लोगों की तलाश का काम किया जाएगा.
फाइल फोटो |
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने बुधवार को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इंफोर्मेशन सर्विसेज (आईएनसीओआईएस) ने यह सॉफ्टवेयर विकसित किया है. इसे बुधवार को केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में तटरक्षक बल को सौंपा गया.
डॉ. हर्षवर्द्धन ने सेंटर के वैज्ञानिकों की तारीफ की और कहा कि लापता विमान की तलाश का काम वाकई काफी दूभर है. 40 लाख वर्ग किलोमीटर के दायरे में विमान की तलाश की जा रही है. सॉफ्टवेयर इस खोज को उन क्षेत्रों तक सीमित कर देगा जहां मलबा होने की संभावना है.
विमान में चालक दल समेत 29 लोग सवार थे. यह 22 जुलाई को चेन्नई के ताम्बरम् वायुसेना अड्डे से पोर्ट ब्लेयर के लिए रवाना हुआ. उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही यह लापता हो गया. नौसेना के 13 तथा तटरक्षक बल के दो जहाज विमान की तलाश में लगाए गए हैं.
इसके अलावा नौसेना तथा वायुसेना के विमान भी तलाश अभियान में मदद कर रहे हैं। इसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रह की सहायता ली जा रही है.
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