पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों के बच्चे सुरक्षित नहीं
भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को परामर्श दिया है कि वे अपने बच्चों को स्थानीय स्कूलों से हटा लें और उनकी पढ़ाई का प्रबंध पाकिस्तान के बाहर करें.
विकास स्वरूप (फाइल फोटो) |
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि सरकार समय-समय पर विदेशों में अपने मिशनों में तैनात कर्मचारियों एवं उनके मुद्दों की तत्कालीन परिस्थितियों की समीक्षा करती रहती है.
इसी के तहत इस्लामाबाद में तैनात अपने अधिकारियों को सलाह दी गई है कि वे अपने बच्चों की शिक्षा का प्रबंध पाकिस्तान के बाहर कर लें.
प्रवक्ता ने बताया कि इस संबंध में निर्णय पिछले साल जून में ही ले लिया गया था ताकि अधिकारियों को वैकल्पिक इंतजाम करने का पर्याप्त समय मिल जाए.
उन्होंने बताया कि इस बारे में पाकिस्तान सरकार को भी बता दिया गया है. सरकारी सूत्रों के अनुसार यह परामर्श केवल सुरक्षा कारणों से जारी किया गया है.
इस फैसले से करीब पचास बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए इस्लामाबाद से भारत लौटना होगा. इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों के बच्चों को सिर्फ दो स्कूलों- इंटरनेशनल स्कूल ऑफ इस्लामाबाद या अमेरिकन स्कूल और रूट्स इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाने की अनुमति है.
पाकिस्तान में दिसम्बर 2014 में पेशावर के एक आर्मी पब्लिक स्कूल में तालिबानी आतंकवादियों ने हमला करके 148 बच्चों को मौत के घाट उतार दिया था. इस घटना के बाद वहां स्कूलों में सुरक्षा प्रबंध कड़े कर दिए गए थे. समझा जाता है कि इन स्कूलों पर आतंकवादियों की नजर होने की खुफिया सूचनाओं के बाद भारत ने एहतियात में यह कदम उठाया है.
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