अदालत ने पीएम मोदी का मजाक उड़ाने वाली किताब पर प्रतिबंध लगाने से किया इनकार

Last Updated 29 Jun 2016 05:47:21 PM IST

गुजरात की एक अदालत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कथित तौर पर उपहास करने वाली एक गुजराती पुस्तक की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से इंकार कर दिया है.


(फाइल फोटो)

अहमदाबाद में सिविल अदालत के न्यायाधीश एएम दवे ने संविधान के अनुच्छेद 19 का हवाला दिया और सोमवार को याचिका खारिज कर दी.

न्यायाधीश ने कहा कि किताब ‘फेकूजी हैव दिल्ली मा\' \'फेकू जी दिल्ली में हैं\' पर प्रतिबंध लगाने से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा. किताब में 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी के कई वादों की सूची है और दावा किया गया है कि वह इन वादों को निभाने में विफल रहे हैं. इसके लेखक कांग्रेस नेता जयेश शाह हैं.
 
किताब पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका सामाजिक कार्यकर्ता नरसिंह सोलंकी ने दायर की है जिनका कहना है कि किताब का उद्देश्य मोदी को ‘‘बदनाम\' करना है. सोलंकी ने आरोप लगाया कि किताब की विषय वस्तु और नाम अपमानजनक और अनादर करने की प्रकृति वाला है और इससे प्रधानमंत्री की छवि खराब होगी.
 
सोलंकी के मुताबिक मोदी महज दो वर्ष पहले सत्ता में आए और चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादों को पूरा करने के लिए यह काफी कम समय है. सोलंकी ने किताब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए अदालत से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की जो पिछले कुछ महीने से बाजार में है.
 
बहरहाल सोलंकी के तर्कों से सहमत नहीं होते हुए न्यायाधीश ने कहा कि भारत एक लोकतंत्र है और लोगों को किताब के माध्यम से अपने निजी विचार रखने का पूरा अधिकार है. अदालत ने कहा कि किताब पर प्रतिबंध लगाने से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन होगा.



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