सरकार पर दिखा 'उड़ता पंजाब' का असर, ड्रग डिमांड रिडक्शन पॉलसी पर बैठक बुलाई
उड़ता पंजाब फिल्म का असर सरकार पर भी दिख रहा है. उसे भी लगा है कि पंजाब और पूर्वोत्तर के राज्यों में बड़ी आबादी नशीली दवा (ड्रग) की चपेट में आ गई है और इस समस्या को राजनीतिक चश्मे से देखने के बजाय जल्द कुछ ठोस किए जाने की आवश्यकता है.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक बुलाई (फाइल फोटो) |
यही वजह है कि सरकार ने नशीली दवा की मांग में कमी से संबंधित नई नीति बनाने पर काम शुरू कर दिया है. इसको लेकर सरकार की गंभीरता का पता इसी से चल जाता है कि ड्रग डिमांड रिडक्शन पॉलसी को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक बुलाई. यह बैठक दिन में 12 बजे हुई. बैठक में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद्र गहलोत भी शामिल हुए.
नशीली दवा की मांग में कमी से संबंधित नीति सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को ही बनानी है. बताया जा रहा है कि ड्रग की मांग में कमी कैसे लाई जाए, इससे संबंधित नई नीति को डेढ़-दो महीने के अंदर अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इसमें पहली बार योग को भी खास तरजीह मिलने वाली है. कहा जा रहा है कि ड्रग का सेवन करने वाले नौजवानों के पुनर्वास कार्यक्रम में योग को शामिल किया जाएगा.
ड्रग नियंत्रण के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत ने गैर कानूनी ढंग से ड्रग के उपयोग पर नियंत्रण का जो वादा किया था, उसमें सफल नहीं रहा है. 2003 तक भारत को इस दिशा में कारगर कदम उठाने थे. पहली बार सरकार इस दिशा में अधिक सतर्क दिख रही है.
बताया जा रहा है कि सरकार ने दिल्ली के एम्स के सहयोग से पंजाब ओपियड डिपेंडेंस सर्वे नाम से पंजाब में जो सर्वेक्षण कराया था, उसकी भी ड्रग की मांग में कमी वाली नीति बनाने में मदद ली जा रही है. एनडीए की सहयोगी पंजाब की प्रकाश सिंह बादल सरकार को खुश रखने की वजह से सरकार ने पंजाब को नशे की गिरफ्त में बताने वाले इस सव्रेक्षण को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया था. दरअसल, इस सव्रे ने पंजाब सरकार की पोल खोलकर रख दी थी. सर्वे ने यह उजागर कर दिया था कि पंजाब के 100 में से 15 व्यक्ति ड्रग लेते हैं और 4 व्यक्तियों को तो ड्रग की लत ही पड़ चुकी है.
सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि पंजाब में ड्रग लेने वाले व्यक्तियों में 55% गांव वाले हैं. पता तो यह भी चला है कि पंजाब पर बनी विवादित फिल्म उड़ता पंजाब का भी सरकार ने नई नीति बनाने को लेकर संज्ञान लिया है.
हालांकि सर्वेक्षण की तरह सरकार सार्वजनिक तौर पर इस फिल्म से अपने को किसी भी तरह से सम्बद्ध नहीं करना चाहती. वजह राजनीतिक ही है. दरअसल इस फिल्म को पंजाब की बादल सरकार अपने खिलाफ बड़ा दुष्प्रचार मानती है. पंजाब में बादल सरकार का नेतृत्व करने वाले अकाली दल ने राज्य में ड्रग की लत के आरोप को राज्य की इज्जत से जोड़कर अपना चुनाव अभियान शुरू किया है.
राज्य के चुनाव में ड्रग सभी दलों के लिए बड़ा मुद्दा रहने वाला है़. पर केंद्र सरकार की ड्रग से संबंधित नीति की बात है तो वो सिंथेटिक ड्रग और नसों में ली जाने वाली ड्रग, दोनों के सेवन में कमी लाना चाहती है.
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