भारत चीन के साथ आंख से आंख मिलाकर बात करता है- मोदी

Last Updated 28 Jun 2016 09:54:17 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार माना है कि पाकिस्तान में सत्ता के कई केंद्र होने की वजह से दोनों देशों के बीच बातचीत में परेशानी आती है.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन के प्रति अपनी सरकार की नीति का मजबूती से बचाव करते हुए सोमवार को कहा कि इसी के बल पर भारत चीन के साथ आंख से आंख मिलाकर बात करता है और पाकिस्तान पूरी दुनिया की नज़रों में अलग-थलग पड़ गया है.

मोदी ने टेलीविजन इंटरव्यू में अपनी पाकिस्तान नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत ने उसके साथ जहां एक ओर मेज पर बातचीत के लिये रास्ता खोला है वहीं सरहद पर सैनिकों को किसी भी जुबान में जवाब देने की पूरी छूट दी गयी है.

उन्होंने पाकिस्तान के प्रति सजग एवं चौकन्ना रहने की आवश्यकता रेखांकित करते हुए कहा कि लाहौर यात्रा सहित मेलजोल के उनके सभी प्रयासों के परिणाम स्वरूप दुनिया को पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने एवं आतंकवाद को लेकर भारत के रुख को दुनिया स्वयं ही समझ रही है.

उन्होंने चीन के साथ संबंधों को लेकर सफाई दी कि भारत उसके साथ आंख में आंख डालकर डंके की चोट पर अपने हितों को आगे रख रहा है. परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह(एनएसजी) को लेकर भी उन्होंने चीन के राष्ट्रपति को बहुत स्पष्टता से भारत के हित बताये हैं.

अमेरिका से अपने संबंधों से लेकर एनएसजी की दावेदारी तक का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य देश हित को सर्वोपरि रखना है और इस बारे में कोई समझौता नहीं किया जा सकता है.

प्रधानमंत्री ने पड़ोसी देशों के साथ सुख चैन से रहने को अपनी सरकार की नीति बताते हुए कहा कि भारत चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ किसी दबाव में आये बिना राष्ट्रीय हितों को आगे रखकर व्यवहार करेगा.

मोदी ने पाकिस्तान के साथ संबंधों पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत को हर चीज पाकिस्तान के संदर्भ में देखना बंद करना होगा. भारत सवा सौ करोड़ लोगों का स्वतंत्र देश है और वह अपने हितों से कोई समझौता नहीं करेगा. भारत को इस आधार पर ही चलना होगा.  उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर शुरू से भी दो चीजें हैं. भारत हमेशा से पड़ोसी देशों से दोस्ती चाहता है.

उन्होंने मई 2014 में शपथ ग्रहण समारोह में सभी पड़ोसी नेताओं से स्पष्ट कर दी थी कि भारत और पाकिस्तान दोनों को गरीबी से लडऩा है तो क्यों न दोनों मिल कर लड़ें. वह इसी इरादे और सोच से काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि मेज पर जिसका काम है, वह अपना काम करे तथा सीमा पर जिसका जो काम है वह भी अपना काम पूरी ताकत से करे. भारतीय सुरक्षाबल यह काम जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दुश्मन के इरादे सफल नहीं हो पा रहे हैं. उनकी निराशा एवं हताशा के कारण पम्पोर जैसी घटनायें हो रहीं हैं.

पाकिस्तान के साथ संवाद को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कई प्रकार की शक्तियां सक्रिय हैं। भारत का मुख्य उद्देश्य शांति और राष्ट्रीय हितों की रक्षा है. उसके लिये प्रयास जारी हैं. मिलना-जुलना और बातचीत करना होगा. सीमा पर जवानों को भी खुली छूट है, जिस भाषा में जवाब देना है,वे देते रहेंगे.

 

एनएसजी में चीन के रोड़ा अटकाने के सवाल पर मोदी ने कहा कि हर चीज नियमानुसार ही आगे बढ़ेंगी. उन्होंने कहा कि एक के बाद एक सरकारों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, शंघाई सहयोग संगठन, मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था और एनएसजी की सदस्यता पाने के लिए लगातार प्रयास किए हैं.

ऐसा नहीं है कि ये प्रयास पहली बार किए गए हों, लेकिन सच यह है कि हमारे कार्यकाल में एससीओ हासिल कर लिया गया, एमटीसीआर की सदस्यता हासिल कर ली गई. हमने एनएसजी की सदस्यता की दिशा में औपचारिक रूप से प्रयास शुरू कर दिए हैं. प्रक्रिया सकारात्मक सोच के साथ शुरू हो चुकी है.

मोदी ने कहा कि चीन के साथ हमारी एक समस्या नहीं है. कई समस्याएं हैं जो लंबित चल रही है. उनको एक-एक करके सुलझाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. चीन का रुख भी समाधान ढूंढऩे की दिशा में सहयोगात्मक रहा है. मोदी ने कहा कि लेकिन कुछ मुद्दे हैं, जिनमें उनसे हमारे मतभेद हैं.



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