ब्रेड कंपनियाँ बंद करेंगी पोटैशियम ब्रोमेट का इस्तेमाल
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा पोटैशियम ब्रोमेट पर प्रतिबंध के प्रस्ताव के बाद ब्रेड निर्माता कंपनियों ने इसका प्रयोग बंद करने का फैसला किया है.
फाइल फोटो |
ब्रेड में कैंसर के खतरे वाले पोटैशियम ब्रोमेट के इस्तेमाल की रिपोर्ट आने तथा भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा इस रसायन पर प्रतिबंध के प्रस्ताव के बाद ब्रेड निर्माता कंपनियों ने इसका प्रयोग बंद करने का फैसला किया है.
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरंमेंट की 23 मई को जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली से पैकेज्ड ब्रेड, बन, पाव आदि के 38 नमूनों के परीक्षण में 34 में पोटैशियम ब्रोमेट या पोटैशियम आयोडेट की मौजूदगी पाई गई.
पोटैशियम आयोडेट से थायरॉइड संबंधी बीमारियाँ होती हैं. इसमें कहा गया था कि यूरोपीय संघ तथा कुछ अन्य देशों में इनका इस्तेमाल प्रतिबंधित है.
अखिल भारतीय ब्रेड निर्माता संघ (एआईबीएमए) ने गुरूवार को दिल्ली में कहा कि पोटैशियम ब्रोमेट देश में प्रतिबंधित नहीं है और लोगों का ब्रेड पूरी तरह से सुरक्षित हैं. इसके बावजूद लोगों में पैदा डर के मद्देनजर संघ ने इसका इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है.
पत्रकारों को संबोधित करते हुये हाव्रेस्ट गोल्ड के प्रबंध निदेशक आदिल हसन ने कहा कि दो-तीन दिन में बड़ी कंपनियाँ इसकी जगह वैकल्पिक रसायनों का प्रयोग शुरू कर देंगी.
ब्रेड में पोटैशियम ब्रोमेट का प्रयोग ऑक्सीडाइजिंग एजेंट के रूप में किया जाता है. हसन ने कहा इसके विकल्प के तौर पर एंजाइम या मल्सीफायरों का इस्तेमाल किया जा सकता है. ये रसायन पोटैशिम ब्रोमेट से सस्ते होते हैं, लेकिन इनके इस्तेमाल के लिए अधिक तकनीकी दक्षता की जरूरत होती है.
हसन ने रिपोर्ट सीधे मीडिया के साथ साझा करने के सीएसई के कदम की आलोचना करते हुये कहा कि उसे पहले एफएसएसएआई के पास जाकर उससे इसकी अनुमित मात्रा घटाने-बढ़ाने या इसे पूरी तरह प्रतिबंधित करने की सिफारिश करनी चाहिये थी. हालाँकि, उन्होंने फिलहाल किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई की संभावना से इनकार किया. उन्होंने कहा कि जब पोटैशियम ब्रोमेट के सस्ते विकल्प मौजूद हैं तो ऐसे में लोगों की भावनाओं को देखते हुये इसका इस्तेमाल नहीं करना ही उचित होगा.
संघ ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट के पीछे कोई निहित स्वार्थ संभव है. इसमें एंजाइम या मल्सीफायर्स बनाने वाली कंपनियों की साँठ-गाँठ हो सकती है. हसन ने कहा कि अमेरिका में पोटैशियम ब्रोमेट का प्रतिबंधित नहीं है और एफएसएसएआई ने भी इसके इस्तेमाल की अनुमति दी हुई है, जिससे पता चलता है कि यह सुरक्षित है.
उन्होंने कहा कि देश में इस्तेमाल होने वाले अधिकतर ब्रेड बिना ब्रांड वाले हैं, जो छोटे निर्माता बनाते हैं. उनके लिए संभवत: दूसरे रसायनों का इस्तेमाल आसान नहीं होगी. इसलिए संघ ने छोटे निर्माताओं को वैकल्पिक रसायनों के इस्तेमाल के लिए तकनीकी दक्षता में मदद करने का भी फैसला किया है.
यह पूछे जाने पर कंपनियाँ जब पोटैशियम ब्रोमेट का इस्तेमाल कर रही थीं तो जाँच किये गये पैकेटों में से एक को छोड़कर शेष पर ऐसा लिखा क्यों नहीं गया था, हसन ने कहा कि सीएसई ने रिपोर्ट कंपनियों या संघ अथवा एफएसएसएआई के साथ साझा नहीं की है.
उन्होंने इसे एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा तैयार एकपक्षीय रिपोर्ट बताया. उन्होंने कहा कि अध्यनन के लिए इस्तेमाल की गई प्रणाली के बारे में भी नहीं बताया गया है.
हसने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद उनकी कंपनी की बिक्री पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ा है, लेकिन कुछ अन्य कंपनियों की बिक्री थोड़ी प्रभावित हुई है.
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