वित्त मंत्री ने अच्छे मानसून से आर्थिक वृद्धि दर में और तेजी की उम्मीद जतायी

Last Updated 05 May 2016 04:47:36 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था, भारत, अच्छे मानसून का पूर्वानुमान साकार होने पर और अधिक तेज गति से वृद्धि दर्ज करेगा.


(फाइल फोटो)

अच्छे मानसून की भविष्यवाणी साकार होने पर देश की आर्थिक वृद्धि दर में और तेजी आने की उम्मीद व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि विश्वभर में छायी मंदी के बावजूद भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है तथा सरकार ग्रामीण क्षेत्र,रोजगार सृजन को बढाने और मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने को प्राथमिकता दे रही है.

जेटली ने लोकसभा में कहा, ‘2014.15 में हमारी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत थी और 2015.16 में यह 7.6 प्रतिशत रही. हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं. भारत दुनिया में सबसे अधिक तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. विश्व की तुलना में हम सबसे आगे हैं. लेकिन हम स्वयं मानते हैं कि हममे और अधिक क्षमता है.’

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षो में वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत रहने में वैश्विक मंदी की बाधाकारी स्थिति और बरसात की कमी प्रमुख कारण रहा क्योंकि बरसात की स्थिति का ग्रामीण हालात पर प्रभाव पड़ता है और 55 प्रतिशत लोगों की क्रय शक्ति प्रभावित होती है. वैश्विक बाधाकारक तत्वों के कारण इस दौरान निर्यात में भी गिरावट आई.

जेटली ने कहा, ‘इस बार मानसून और अच्छी बरसात का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है. बरसात अच्छी होगी तब कृषि क्षेत्र में सुधार आता है और जीडीपी बेहतर होती है. बरसात अच्छी होगी तो वृद्धि दर बेहतर होगी.’

जेटली ने स्वर्ण आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाने के प्रस्ताव को वापस लेने से इंकार किया हालांकि उन्होंने कहा कि यह सुनिित किया जायेगा कि किसी को परेशान नहीं किया जाए. इस बारे में लाहिड़ी समिति गठित की गई है जो अपने सुझाव सरकार को देगी.

वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वित्त विधेयक 2016.17 को मंजूरी दे दी. इसमें पांच सरकारी संशोधनों को भी मंजूरी दी गई. इस तरह से बजट की आखिरी प्रक्रिया पूरी हो गई.

वित्त मंत्री ने कृषि आय पर कर लगाने से भी इंकार किया और कहा कि कृषि पहले से ही दबाव की स्थिति में है और कृषि क्षेत्र का विषय केंद्र के दायरे में नहीं आता है और यह राज्य का विषय है. उन्होंने राज्य सरकारों से भी आग्रह किया कि इस संबंध में कर लगाने के बारे में फिलहाल नहीं सोचें.

कालाधन का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पहली बार हम कालाधन के बारे में ठोस कानून लेकर आए हैं और इसमें विदेशों में जमा कालाधन घोषित किये जाने की बात कही गई है. इसके तहत एचएसबीसी, लिचेंस्टाइन से धन की घोषणा सामने आई है. आय के मूल्यांकन एवं आकलन से 71 हजार करोड़ रूपये की अघोषित आय का पता चला है.

जेटली ने कहा कि हमने नये प्रस्ताव में कहा है कि अघोषित आय जाहिर करो और 30 प्रतिशत कर और 30 प्रतिशत जुर्माने का भुगतान करके उस राशि को वैध बनाओ.

उन्होंने संयुक्त मोर्चा सरकार में वित्त मंत्री के रूप में पी चिदंबरम द्वारा लाई गई माफी योजना (वीडीआईएस) के जरिये कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उसका आपने समर्थन किया था और उसे लोगों ने ‘अनैतिक’ बताया था.

पनामा पेपर्स का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें जिन-जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन सभी को नोटिस भेज दिया गया है और कानून के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है.

वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए वक्त का तकाजा है कि जिस क्षेत्र में मंदी हो, उस क्षेत्र में अधिक सरकारी धन डाले. गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का जिक्र  करते हुए जेटली ने कहा कि सबसे अधिक एनपीए स्टील क्षेत्र में था. चीन के पास स्टील क्षेत्र में अधिशेष व्यापार की स्थिति थी. जब इस क्षेत्र में मंदी आई तब चीन ने अपने उद्योग को जीवित रखने के लिए आधी कीमत पर स्टील बेचना शुरू किया जिससे अमेरिका समेत अनेक देश प्रभावित हुए.

उन्होंने कहा कि चीन के इस रूख पर अंकुश लगाने के लिए हमने आयात पर शुल्क लगाने के साथ न्यूनतम कीमत तय कर दी जिससे कम पर स्टील नहीं मंगाया जा सकता. इसके परिणाम सामने आने लगे हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र और कृषि कमजोर हो गई थी. बरसात नहीं होने के परिणामस्वरूप कृषि प्रभावित होने से गांव में क्र यशक्ति कम हो गई थी. हमने ग्रामीण क्षेत्र के लिए प्रावधान किये हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि जब हम सत्ता में आये थे तब राजमार्ग परियोजनाएं ठप थी, कोई बोली लगाने को तैयार नहीं था. हमने सार्वजनिक निवेश बढ़ाया और इस क्षेत्र को बहाल करने का काम किया. राज्यों के हाथ मजबूत बनाने के लिए हमने राज्यों को आवंटन बढ़ाया. 14वें वित्त आयोग के तहत भी राज्यों का हिस्सा बढ़ाकर 42 प्रतिशत किया गया है.



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