सुप्रीम कोर्ट का आदेश : तंबाकू उत्पादों पर 85 फीसद चित्र चेतावनी जरुरी

Last Updated 05 May 2016 12:33:16 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पादों पैकेट पर 85 प्रतिशत चित्र चेतावनी देना आवश्यक है.


(फाइल फोटो)

सरकार ने तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर चित्र चेतवनी के साईज को 40 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी करने का आदेश दिया था. इसके बाद कुछ कंपनियां इसके खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट के धारवाड़ बेंच से सरकार के इस आदेश के खिलाफ स्टेशन ले लिया था.

तंबाकू कंपनियां जो इस आदेश से खुश नहीं थी उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रास्‍ता किया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में पहले मामले का पूर्ण निपटान होने दें तभी सुप्रीम कोर्ट इसपर सुनवाई करेगी.

हालांकि उच्चतम न्यायालय ने सरकार के इस फैसले को सही ठहराया है. उल्लेखनीय है कि सरकार के इस आदेश का पालन केवल तीन कंपनियां ही कर रही हैं. इसमें पनामा सिगरेट बनाने वाली गोल्डन टोबैको कंपनी, शिखर टोबैको और कुबेर खैनी ही कर रही हैं.

नये प्रावधान के मुताबिक चेतावनी के 85 फीसदी भाग में से 60 फीसदी पर चित्र,  जबकि 25 फीसदी पर शाब्दिक चेतावनी होना अनिवार्य है. यह चेतावनी तंबाकू उत्पाद के पैकेट व पाउच पर भी अंकित रहेगी. 

कस्टम व सेंट्रल एक्साइज के अधीक्षक व उससे ऊपर रैंक के पदाधिकारी, सेल्स टैक्स, हेल्थ व ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के इंस्पेक्टर व उससे ऊपर रैंक के पदाधिकारी को कार्रवाई का अधिकार है.

इसके अलावे श्रम विभाग के कनीय श्रमायुक्त, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव स्तर के पदाधिकारी, पुलिस, फूड तथा राज्य व केंद्र सरकार के सब इंस्पेक्टर व उससे ऊपर रैंक के तमाम पदाधिकारी को भी कार्रवाई का अधिकार है.

प्राधिकृत पदाधिकारी स्वयं की जानकारी या किसी की शिकायत के आधार पर रेड करेंगे. टीम में प्राधिकृत पदाधिकारी के साथ दो गवाह व एक सब इंस्पेक्टर रैंक का पुलिस अधिकारी अवश्य रहेगा. उल्लंघन की संदिग्ध स्थिति का आभास होने पर टीम परिसर के अंदर प्रवेश कर जांच कर सकेगी.

प्रतिबंधित तंबाकू उत्पाद पाये जाने पर उसे जब्त कर सीजर लिस्ट तैयार कर उसकी एक प्रति ऑनर को दी जायेगी. दो गवाहों की उपस्थिति में एक पंचनामा तैयार किया जायेगा, जिसमें स्थल व सामग्री की पूरी जानकारी रहेगी.



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