क्या NEET में लड़कियों के 50 फीसदी आरक्षण सुरक्षित होंगे: उमर अब्दुल्ला

Last Updated 04 May 2016 01:57:42 PM IST

नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर मेडिकल में प्रवेश पाने के लिए होने वाली राष्ट्रीय पाता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में क्या जम्मू कश्मीर में लड़कियों को मिलने वाला 50 फीसदी आरक्षण सुरक्षित रह पायेगा.


पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (फाइल फोटो)

अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, अन्य राज्यों के बारे में नहीं जानता लेकिन जम्मू कश्मीर में मेडिकल में दाखिले में लड़कियों के लिए 50 फीसदी आरक्षण है. क्या एनईईटी लड़कियों को मिलने वाले इस अवसर को सुरक्षित रखेगा?

उन्होंने राज्य में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गठबंधन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एनईईटी को लागू करने के लिए सरकार ने समय रहते कार्रवाई नहीं की जो उनकी लापरवाही को दर्शाता है.

हालांकि ज्यादातर अलगाववादी संगठनों ने एनईईटी को राज्य में लागू करने का विरोध किया था. अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने इसे मुस्लिम बहुल राज्य में छात्रों के खिलाफ साजिश बताया.

राज्य सरकार ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राज्य के विशेष दर्जे का हवाला देते हुए इस परीक्षा से छूट की मांग की है.

अब्दुला के ट्वीट के बाद कई प्रतिक्रिया आयी जिनमें एक ने कहा, महाराष्ट्र में मेडिकल में 33 फीसदी सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित है जबकि वास्तविक रूप में मेडिकल कॉलेजों में लड़कियों की संख्या 50 फीसदी से अधिक है.

एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि एनईईटी योज्ञता सूची जारी करेगा. सीटों का बंटवारा राज्य में आरक्षण नीति के आधार पर किया जाएगा. क्या मुद्दा है?



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