संसदीय समिति की रिपोर्ट, खराब थी पठानकोट में सुरक्षा-व्यवस्था
पंजाब में पठानकोट हमले की जांच कर रही गृह मंत्रालय की आतंरिक मामलों की संसदीय समिति की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि वायुसेना अड्डे की सुरक्षा मजबूत नहीं थी.
(फाइल फोटो) |
समिति ने कहा कि देश में आतंकरोधी गतिविधि में लगे सुरक्षा तंत्र में गंभीर खामी है. पठानकोट हमले को लेकर समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत की कोई काउंटर टेरर पॉलिसी नहीं है.
समिति के इस रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है की हवाई अड्डे की निगरानी के लिए चारों तरफ सड़के भी नहीं हैं. समिति ने अपना रिपोर्ट आज मंगलवार के दिन संसद के सामने पेश किया.
पठानकोट हमले के बाद संसदीय समिति ने वायुसेना अड्डे का दौरा किया था. समिति ने सवाल किया है कि आखिर पाकिस्तान से आए आतंकवादी वायुसेना अड्डे में घुसने में कैसे कामयाब हो गए थे.
समिति ने कहा है, “यह बात समिति की समझ से परे है कि जब काफी पहले ही आतंकी अलर्ट जारी किया गया था, फिर भी आतंकवादी उच्च सुरक्षा वाले वायुसेना अड्डे में घुसने में कामयाब रहे और वहां हमले किए.
संसदीय समिति के प्रमुख प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा है कि अगर भारत सरकार गंभीर होती और खुफिया एजेंसियों ने ठीक से काम किया होता तो तस्वीर दूसरी होती।
समिति ने कहा कि जांच एजेंसियों को एसपी सलविंदर सिंह से एक बार फिर पूछताछ करनी चाहिए थी, जो नहीं हुई. समिति के प्रमुख प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि पठानकोट में सुरक्षा-व्यवस्था खराब थी. एसपी पठानकोट की गतिविधि संदिग्ध थी। उनसे सवाल-जवाब ठीक से नहीं हुए।
समिति ने सरकार द्वारा पाकिस्तान की जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम को भारत आने की इजाजत देने पर भी सवाल उठाए हैं. समिति प्रमुख ने कहा है कि आज भी पठानकोट एयरबेस की सुरक्षा की स्थिति ठीक नहीं है.
कमेटी की सिफारिशों पर बोलते हुए गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि स्टैंडिग कमेटी ने कुछ कॉमेंट्स किए हैं. हम सिक्योरिटी से जुड़ीं उनकी सिफारिशों पर गंभीरता से विचार करेंगे.
गौरतलब है कि 2 जनवरी को पठानकोट के एयरफोर्स बेस में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए सबूत एकत्र करने अपनी एक जांच टीम को पाकिस्तान भेजने का फैसला किया है. इस आतंकी हमले में सेना के सात जवान शहीद हुए थे.
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