आनंद शर्मा का आरोप, एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने हमला किया
वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने शनिवार रात आरोप लगाया कि जेएनयू परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा (फाइल फोटो) |
आनंद शर्मा ने ने कहा कि जब वह छात्रों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के बाद राहुल गांधी के साथ लौट रहे थे तो जेएनयू परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने उन पर शारीरिक रूप से हमला किया.
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता शर्मा ने पीटीआई भाषा से कहा कि एसपीजी को गांधी को एक वैकल्पिक वाहन में ले जाना पड़ा क्योंकि कथित हमलावरों ने कांग्रेस उपाध्यक्ष का वाहन भी घेर लिया था.
उन्होंने दावा किया कि यह ''हमला'' विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन स्थल से कुछ दूरी पर हुआ और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने ''अंधेरे'' का फायदा उठाया.
शर्मा ने कहा, ''हमले के बाद मेरे बाएं कान से खून बह रहा था और मुझे कुछ चोटें भी लगीं.''
उन्होंने कहा कि उनके निजी सुरक्षा अधिकारी को भी हमलावरों ने ''पीछे से धक्का दिया.'' पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वह गांधी से ''कुछ कदम'' पीछे थे.
शर्मा ने कहा कि उनके पीएसओ ने पुलिस में शिकायत दी है. उन्होंने कहा, ''हमसे मतभेद रखिए, लेकिन आपको हम पर हमले का अधिकार नहीं है.''
सुरजेवाला ने एक बयान में कहा कि इस कायरतापूर्ण हमले की जितनी निंदा की जाये उतनी कम है. यह केंद्र की मोदी सरकार तथा भाजपा की उस मनोस्थिति को दर्शाता है, जो देश के छात्रों की आवाज दबाना चाहते हैं, जेएनयू पर ताला लगाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि 09 फरवरी को जिन मुट्ठीभर लोगों ने राष्ट्रविरोधी नारे लगाए थे, उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. परंतु दुर्भाज्ञवश, इस कार्रवाई की आड़ में, मोदी सरकार संपूर्ण जेएनयू विश्वविद्यालय को राष्ट्र विरोधी साबित करने पर आमादा है. जेएनयू विश्वविद्यालय अभिव्यक्ति की आजादी का सदैव केंद्र बिंदू रहा है, तथा देश व दुनिया के सबसे बड़े विद्वान जेएनयू के पूर्व छात्र तथा स्नातक हैं.
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि भाजपा का निशाना स्पष्ट है कि उनमुक्त विचारधारा वाले देश की इस बेहतरीन संस्था में भय और डर का माहौल पैदा कर दिया जाए. उन्होंने कहा, ''क्या प्रधानमंत्री, एबीवीपी के ''गुंडों'' पर कार्यवाही करने का साहस दिखाएंगे? क्या प्रधानमंत्री, दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्यवाही करेंगे, जो न केवल विपक्ष के नेताओं को उचित सुरक्षा मुहैया करवाने में पूर्णतया नाकामयाब रही, परंतु जिसने एबीवीपी के ''गुंडों'' को हथियार सहित सभास्थल तक आने दिया? क्या नरेंद्र मोदी देश के छात्रों को यह बताएंगे, कि वह छात्रों की आवाज का दमन क्यों कर रहे हैं.''
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