टेरी मामला: RK पचौरी की परेशानियां और बढ़ीं
यौन उत्पीडन के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे टेरी के उपाध्यक्ष आरके पचौरी की परेशानियां शनिवार को और बढ़ गईं हैं.
आरके पचौरी (फाइल फोटो) |
टेरी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ने उन्हें निलंबित या निष्कासित करने की उनकी मांग पर पचौरी को \'\'वैतनिक छुट्टी\'\' पर भेजने के फैसले के लिए संचालन परिषद पर निशाना साधा.
टेरी विश्वविद्यालय के करीब 350 पूर्व छात्रों की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि उन्होंने अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया है और अगर जरूरत पड़ी तो सरकार के हस्तक्षेप की मांग की जाएगी. उन्होंने पचौरी को अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी पर भेजने पर नाखुशी जताई.
गौरतलब है कि पचौरी पर एक पूर्व कर्मचारी के यौन उत्पीडन का आरोप है. टेरी की संचालन परिषद ने इस मामले के अदालत में लंबित होने की प्रकृति को देखते हुए कल बैठक करके पचौरी को हरित संस्था और उसके संचालन परिषद से उसके फैसले की समीक्षा तक छुट्टी पर भेजा था. यह फैसला यौन उत्पीडन के आरोपी पचौरी को कार्यकारी उपाध्यक्ष पद सौंपने को लेकर पैदा आक्रोश के बीच किया गया.
वर्ष 2008 के बैच की पूर्व छात्रा निताशा द्वारा जारी बयान में कहा गया, \'\'टेरी के पूर्व छात्रों की तरफ से, हम पचौरी को अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी भेजने के संचालन परिषद के फैसले के संबंध में नाखुशी जाहिर करना चाहते हैं.\'\'
बयान में कहा गया \'\'हम इस फैसले की निंदा करते हैं क्योंकि हमारा विश्वास है कि परिषद को यह समझने की जरूरत है कि \'उच्च शक्ति वाले पद से निष्कासन या निलंबन\' का आग्रह उन्हें \'\'वैतनिक छुट्टी\'\' पर भेजने के बराबर नहीं होता है.\'\'
पूर्व छात्रों ने कहा कि वे परिषद के इस फैसले को वर्तमान विरोध शांत करने के कदम के रूप में देखते हैं क्योंकि इसने न केवल उनके संस्थान में किसी भी समय शामिल होने की संभावना खुली रखी है बल्कि परोक्ष रूप से गवाहों को प्रभावित करने का रास्ता भी खुला है.
पूर्व छात्र संगठन ने दस फरवरी को टेरी की संचालन परिषद को एक पत्र सौंपकर हरित संस्था से उनके निलंबन की मांग की थी और उनके खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए आनलाइन याचिका शुरू की थी.
पूर्व प्रतिस्पर्धा आयोग प्रमुख अशोक चावला को कल टेरी का चेयरमैन नियुक्त किया गया था.
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