सियाचिन हीरो हनमंथप्पा नहीं रहे, गम में डूबा देश
सियाचिन ग्लेशियर में छह दिनों तक बर्फ के नीचे दबे होने होने के बावजूद मौत को मात देने वाले लांस नायक हनमंथप्पा कोप्पाड आखिरकार गुरुवार को जिंदगी की जंग हार गए.
लांस नायक हनमंथप्पा को मंगलवार को सियाचिन से दिल्ली के आरआर अस्पताल लाया गया था जहां उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी. गुरुवार को उन्होंने सुबह 11.45 बजे अंतिम सांस ली.
लांस नायक हनमंथप्पा की जिंदगी के लिए पूरा देश दुआ कर रहा था लेकिन वह जिंदगी की जंग नहीं जीत सके. उनकी मौत की खबर से हर तरफ शोक की लहर दौड़ गई.
बुधवार शाम जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया था कि सीटी स्कैन में ऑक्सीजन के उनके मस्तिष्क तक नहीं पहुंचने का सबूत मिला है और इस तरह से उनकी हालत बहुत अधिक गंभीर बनी हुई है.
बुलेटिन में कहा गया था कि उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया का सबूत मिला है. उनके कई अंगों के काम नहीं करने की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई थी. सघन चिकित्सा के बावजूद उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी.
यह हिमवीर गत तीन फरवरी को हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद से मौत और जिंदगी के बीच झूल रहा था.
हनमंथप्पा को सोमवार को 150 से अधिक सैनिकों और दो खोजी कुत्तों की टीम ने 2,500 फुट की ऊंचाई से बचाया था. बर्फ में छह दिन तक दबे रहने के बाद वह चमत्कारिक तरीके से जीवित निकले.
Tweet |