शनि मंदिर आंदोलन चला रहे संगठन में फूट पड़ी, तीन निष्कासित

Last Updated 10 Feb 2016 11:12:52 PM IST

महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में लैंगिक भेदभाव खत्म करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहीं महिलाओं के संगठन में फूट पड़ती नजर आ रही है और संगठन ने अपनी तीन महत्वपूर्ण सदस्यों को निष्कासित कर दिया है.


संगठन की अध्यक्ष त्रुप्ति देसाई (फाइल फोटो)

भूमाता ब्रिगेड तब सुर्खियों में आई थी जब इसकी सदस्यों ने सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ने और महिलाओं के लिए मंदिर के प्रतिबंधित हिस्से में प्रवेश के लिए 26 जनवरी को एक मार्च निकाला था.  अधिकारियों ने उनके प्रयासों को विफल कर दिया था.

संगठन की अध्यक्ष त्रुप्ति देसाई ने संगठन के हितों के ‘‘खिलाफ जाने पर’’ उपाध्यक्ष सहित तीन सक्रिय सदस्यों को निष्कासित कर दिया.

घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए देसाई ने बुधवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि उन्होंने उपाध्यक्ष पुष्पक केवाडकर सहित तीन सदस्यों को निष्कासित कर दिया है.

उन्होंने कहा कि इन सदस्यों को संगठन के हितों के ‘‘खिलाफ जाने’’ पर निष्किासित किया गया है जो मीडिया में बात कर उनकी कार्यशैली के खिलाफ अपनी असहमति जता रही थीं.

यह पूछे जाने पर कि उनकी सहयोगियों ने उनसे अलग होने का रास्ता क्यों चुना, देसाई ने कहा कि वे खुद को ‘‘हाशिए पर महसूस कर रही थीं क्योंकि अध्यक्ष होने के नाते मीडिया का फोकस आंदोलन के दौरान मुझ पर रहा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिगेड में 4,000 से अधिक सदस्य-कार्यकर्ता हैं और घटनाक्रम से हमारे कार्यक्रमों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.’’

निष्कासित सदस्यों में केवाडकर के अतिरिक्त प्रियंका जगतप (प्रवक्ता) और दुर्गा शुक्रे शामिल हैं. राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आए मंदिर आंदोलन में ये तीनों अग्रिम मोर्चे पर थीं.

देसाई ने कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने की अपनी योजना पर आगे बढ़ेंगी.
 

 



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