मुंबई : वीडियो-लिंक तकनीकी दिक्कत के बाद हेडली की गवाही कल तक स्थगित

Last Updated 10 Feb 2016 07:38:03 PM IST

पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली की मुंबई की एक अदालत के समक्ष बुधवार को लगातार तीसरे दिन मुंबई हमले को लेकर गवाही होनी थी.


पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली (फाइल फोटो)

वीडियो-लिंक में तकनीकी दिक्कत के बाद सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. पहले दो दिनों की गवाही के दौरान हेडली ने इस हमले में आईएसआई की भूमिका सहित कई खुलासे किए.

इस मामले में गवाही कल होगी. आज सुबह हेडली की गवाही शुरू होने के कुछ देर बाद तकनीकी दिक्कत आ गई जिसके बाद विशेष न्यायाधीश जी ए सनप को सुनवाई एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी.

बाद में विशेष सरकारी वकील उज्वल निकम एवं दूसरे अधिकारियों ने सनप को सूचित किया कि इस तकनीकी गड़बड़ी को तत्काल दूर नहीं किया जा सका है. इसके बाद अदालत ने अभियोजन पक्ष की मांग के मुताबिक सुनवाई कल तक के लिए स्थगगित कर दी.       

विशेष सरकारी वकील उज्वल निकम ने \'पीटीआई भाषा\' से कहा, \'\' उनकी (अमेरिका की) तरफ वीडियो कांफ्रेंस लिंक में किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण हम सुबह से कई बार कोशिश किए जाने के बावजूद संपर्क स्थापित नहीं कर पाए.\'\' उन्होंने कहा कि गवाही कल जारी रहेगी.

शुरू में 12 फरवरी तक गवाही दिए जाने की योजना थी लेकिन अब इसका समय और बढाया जा सकता है. हेडली 26/11 आतंकवादी हमलों के मामले में पिछले दो दिनों से अमेरिका के किसी गुप्त स्थान से गवाही दे रहा है.



उसने कई खुलासे किए है जिनमें एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आईएसआई पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों को वित्तीय, सैन्य और नैतिक सहयोग देकर उनकी मदद कर रहा है.

हेडली ने कल अदालत को यह भी बताया था कि किस प्रकार 26 नवंबर, 2008 को किए गए हमले से एक साल पहले ही मुंबई को निशाना बनाने की साजिश शुरू कर दी गई थी और शुरू में लश्कर ने ताज होटल में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों के सम्मेलन पर हमला करने की योजना बनाई थी. इसके लिए होटल की डमी भी तैयार कर ली गई थी.

इस आतंकी ने पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के तीन अधिकारियों- कर्नल शाह, लेफ्टिनेंट कर्नल हमजा और मेजर समीर अली- के साथ ही म का नाम लिया. पाशा लश्कर और अलकायदा के साथ बहुत नजदीक से काम कर रहा था.

हेडली ने कहा कि रक्षा वैज्ञानिकों के सम्मेलन पर हमले की योजना टाल दी गई क्योंकि हथियारों की तस्करी करने में दिक्कत थी और इस सम्मेलन के पूरे कार्यक्रम के बारे में जानकारी भी नहीं मिल पाई थी.

उसने सिद्धिविनायक मंदिर को निशाना बनाने की योजना के बारे में बताते हुए कहा कि साजिद मीर (लश्कर में हेडली का आका) ने उससे विशेष रूप से मंदिर का वीडियो बनाने को कहा था.

हेडली ने यह भी कहा कि वह आईएसआई के लिए भी काम किया करता था और पाकिस्तानी सेना के कई अधिकारियों से मिला था.

 

 



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